नई दिल्ली, रफ्तार। खाने-पीने के सामानों की बढ़ती कीमतों से हर कोई चिंतित है। अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का कहना है कि खाद्य वस्तुओं के अनिश्चित और लगातार बदल रही कीमतों से महंगाई दर प्रभावित हो सकती हैं। आरबीआई की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बीते दिनों हुई बैठक में शशिकांत ने कहा था कि खाद्य कीमतों की अनिश्चितता और कमजोर मौसम की मार महंगाई पर बुरा प्रभावा डाल सकती है। हमें इन चीजों पर ध्यान देना चाहिए। एमपीसी ने बैठक के दौरान ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा था।
कीमतों को लेकर हाई अलर्ट पर रहें
शुक्रवार को जारी बैठक का ब्यौरे के अनुसार आरबीआई गवर्नर ने कहा- हमें कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर हाई अलर्ट पर रहना होगा। सब्जियों के दाम बढ़े तो महंगाई दर में भी इजाफा हो सकता है। मौद्रिक नीति में कोई बदलाव करने से बचें। डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने भी ब्याज दरों में स्थिरता की बात पर जोर दिया।
खाद्य सामग्रियों की महंगाई पर चिंता जताई
एमपीसी सदस्य शशांक भिडे ने खाद्य वस्तुओं की महंगाई पर चिंता जताई। अभी यह छह प्रतिशत से ऊपर है। बताया कि इस मानसून के दौरान अच्छी बारिश न होने से मुख्य फसलों की पैदावार कम रहने का खतरा रहा है। इसका असर खाद्य महंगाई दर पर होने की आशंका है।
नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.55% बढ़ी
ब्यौरे के अनुसार महंगाई दर को प्रभावित के कई कारण हैं। इन्हें ध्यान में रखकर महंगाई दर 2023-24 की तीसरी तिमाही में 5.6 एवं चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2024-25 की पहली तिमाही में यह 5.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। दूसरी तिमाही में 4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत गिरने की संभावना है। खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.55 प्रतिशत बढ़ी, जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है।
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