शिवराज सरकार का बजट होगा आज पेश , वित्त मंत्री करेंगे पेश वित्त वर्ष 2023-24 का बजट

शिवराज सरकार का बजट होगा आज पेश , वित्त मंत्री करेंगे पेश वित्त वर्ष 2023-24 का बजट

मध्य प्रदेश की जनता को शिवराज सरकार से कई उम्मीद, विधानसभा में आज वित्त मंत्री पेश करेंगे वित्त वर्ष 2023-24 का बजट


मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा के बजट सत्र का आज (बुधवार को) तीसरा दिन है। वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा आज वित्तीय वर्ष -2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश करेंगे। राज्य सरकार ने विधानसभा में पहला डिजिटल यानी पेपरलेस बजट पेश करने की तैयारी की है। इस बार का बजट तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।



उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यह शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट है। इसलिए इसके लोकलुभावन होने की संभावना है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सुबह 11.00 बजे सदन में पेपरलेस बजट पेश करेंगे। यह पहला ई-बजट होगा। बजट पढ़ने के लिए सभी विधायकों को टैबलेट दिए जाएंगे। हालांकि, सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने ऐतराज भी जताया है। उनका कहना है कि इस नवाचार को शुरू करने से पहले सरकार को सभी विधायकों को ट्रेनिंग देनी चाहिए थी।


इससे पहले साल 2021 में भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट भाषण टैबलेट से ही पढ़ा था। कहा जा रहा है कि पिछले साल की अपेक्षा सरकार इस बार बजट में 50 हजार करोड़ का इजाफा कर सकती है। इस बार सरकार साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का बजट पेश कर सकती है। इसका बड़ा हिस्सा किसान, युवा और महिला वर्ग को मिल सकता है। लाडली बहना योजना की घोषणा करके शिवराज सरकार इसके खुले संकेत दे चुकी है।

इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री चौहान पांच मार्च को अपने जन्मदिवस पर करेंगे। इसमें ढाई लाख रुपये से कम इनकम ग्रुप वाले परिवारों की महिलाओं को हर महीने एक-एक हजार रुपये दिए जाएंगे। जून महीने से पात्र महिलाओं के बैंक खातों में यह रकम डाली जाएगी। इस योजना पर पांच साल में 60,000 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा। ऐसे में साफ है कि बजट 2023 का बड़ा हिस्सा महिलाओं को समर्पित होगा। इसी तरह किसानों और युवा वर्ग के लिए भी नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती।


स्टांप ड्यूटी में राहत की उम्मीद

वहीं, मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लगता है। स्टांप ड्यूटी भी यहां अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा चुकानी पड़ती है। पेट्रोलियम पदार्थों पर सरकार अपने हिस्से का टैक्स कम करे तो जनता के लिए राहत की बात हो सकती है। सरकारी कर्मचारियों की निगाहें भी बजट की ओर लगी हैं। वित्त मंत्री के पिटारे से इनके लिए क्या निकलता है, ये देखने वाली बात होगी।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in