Budget-2024: नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट से जुड़ी 92 साल की परंपरा को बदल डाला, जानें क्या थी वो परंपरा

Budget-2024: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अंतरिम बजट पेश करेंगी। संसद में उनका आज लगातार छठवां बजट पेश होगा।
Narendra Modi and Nirmala Sitharaman
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अंतरिम बजट पेश करेंगी। संसद में उनका आज लगातार छठवां बजट पेश होगा। आगामी लोकसभा चुनाव के बाद सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय बजट की 92 साल पुरानी परंपरा को बदल डाला। इस आर्टिकल में हम मोदी सरकार के सबसे महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में जानेंगे।

पहले आम बजट और रेल बजट अलग अलग से पेश करने की परंपरा थी

मोदी सरकार ने 92 साल का भारतीय बजट पेश करने की परंपरा को बदल कर साल 2017 में यूनियन बजट में बदलाव किया और बजट में रेल बजट और आम बजट को एक साथ पेश किया जाने लगा। इससे पहले आम बजट और रेल बजट अलग अलग से पेश करने की परंपरा थी। जिसमे पहला बजट रेल बजट और दूसरा बजट आम बजट हुआ करता था। आम बजट में पूर्व की सरकारें शिक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य और देश की आर्थिक विकास से सम्बंधित घोषणाओं की जानकारी देती थी। वहीं रेल बजट में रेलवे से सम्बंधित घोषणाओं को अलग से संसद में पेश किया जाता था।

इस परंपरा की शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल में साल 1924 से हुई

आम बजट और रेल बजट अलग अलग पेश करने की परंपरा ब्रिटिश शासन के समय साल 1924 से शुरू हुआ था। इसके बाद तो यह एक परंपरा की तरह इसी तरह से पेश होने लगा था। देश की आजादी के बाद भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था। मोदी सरकार ने इस परंपरा का अंत करते हुए साल 2017 में इसे बदल डाला और आम बजट तथा रेलवे बजट का मर्जर कर दिया। पहले आम बजट पेश करने के एक दिन पहले रेलवे बजट पेश किया जाता था। जिसके बाद 1 फरवरी को एक ही बजट पेश होने लगा। यह मोदी सरकार का बड़ा अहम निर्णय था।

अरुण जेटली ने सबसे पहले इस बदले हुए बजट को साल 2017 में पढ़ा था

92 साल की परंपरा को बदलते हुए, इस कॉमन बजट को सबसे पहले पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017 में आम बजट और रेल बजट को एक साथ पढ़ा था। मोदी सरकार को इस परंपरा को बदलने की सलाह देश की नीति आयोग ने दिया था। जिसको मोदी सरकार ने नीति आयोग के कहने पर बदल कर भारतीय बजट के 92 साल के इतिहास को बदल डाला।

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