MP announced as 'City of Music': पूरी दुनिया में ग्वालियर की गूंज, यूनेस्को ने बताया 'City of Music'

Gwalior City of Music: मध्य प्रदेश को यूनेस्को से स्थापना दिवस पर बेहतरीन तोहफा मिला है। यूनेस्को ने मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर को 'सिटी ऑफ म्यूजिक' बताया है।
 ग्वालियर शहर और महान संगीतकार तानसेन, बैजु बावरा और प्रतिष्ठित संस्था यूनेस्को।
ग्वालियर शहर और महान संगीतकार तानसेन, बैजु बावरा और प्रतिष्ठित संस्था यूनेस्को।रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मध्य प्रदेश को स्थापना दिवस पर बेहतरीन तोहफा मिला है, वो भी यूनेस्को से। यूनेस्को ने मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर को 'सिटी ऑफ म्यूजिक' बताया है। इसके अलावा केरल के कोझिकोड को 'साहित्य का शहर' नाम दिया है। दरअसल, ग्वालियर को यह खिताब दुनियाभर के 55 नए शहरों में मिला है। ग्वालियर वर्षों से संगीत के लिए प्रसिद्ध है। इस पर संस्कृति एवं पर्यटन के प्रमुख सचिव एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि ग्वालियर को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क कार्यक्रम में शामिल किया जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है।

पूरी दुनिया को होगी एमपी की सांस्कृतिक समृद्धि की समझ

अधिकारियों ने कहा कि अब पूरी दुनिया को मध्य प्रदेश की सांस्कृति समृद्धि की समझ बढ़ेगी। महान संगीतज्ञ तानसेन और बैजू बावरा ग्वालियर में ही जन्मे थे। अधिकारियों ने कहा कि अब प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता की समृद्धि और गहराई की ओर पूरी दुनिया के लोग आकर्षित होंगे, जिससे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

यूनेस्को ग्वालियर को करेगा प्रमोट

यूनेस्को की इस लिस्ट में शामिल होने के बाद यह संस्थान ग्वालियर की ब्रांडिंग करेगा। यूनेस्को की वेबसाइट पर दुनिया के हेरिटेज स्थलों को दिखाया जाता है। इसके अंतर्गत आर्ट, म्यूजिक, क्राफ्ट, लिटरेचर, फूड के फेमस शहर भी शामिल किए जाएंगे। अब इसमें ग्वालियर को भी शामिल कर लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टूरिस्ट प्लानिंग में ग्वालियर जुड़ेगा। दूसरे देशों के प्रतिनिधि जब भारत आएंगे तो उनके टूर प्लान में ग्वालियर को भी जोड़ा जाएगा।

सिंधिया ने यूनेस्को को बताया था ग्वालियर का इतिहास

ग्वालियर की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। खास बात है कि सिंधिया ने ही ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक घोषित करने के लिए इस साल जून में यूनेस्को को पत्र लिखा था। यूनेस्को को ग्वालियर की संगीत परंपरा और इतिहास की पूरी जानकारी दी थी। उन्होंने पत्र में महान संगीतकार बैजू बावरा और तानसेन का भी जिक्र किया था।

अकबर के 9 रत्नों में थे संगीतकार तानसेन

महान शासक अकबर के 9 रत्न पूरी दुनिया में फेमस थे। आज भी इन रत्नों की चर्चा होती है। इन रत्नों में ग्वालियर में जन्मे महान संगीतकार तानसेन भी शामिल थे। तानसेन के बाद दुनिया भर के लोग बैजू बावरा को भी पहचानने लगे थे, हालांकि संगीत का सम्राट तानसेन को ही कहा जाता है।

आज भी गुरु-शिष्य की परंपरा कायम

ग्वालियर में संगीत की परंपरा सदियों पुरानी है। गुरु-शिष्य की यह परंपरा इस आधुनिकता के दौर में भी कायम है। आज भी हजारों छात्र-छात्राएं संगीत की शिक्षा लेते हैं। इसके क्षेत्र में अपना कॅरियर बना रहे हैं। ग्वालियर के कई कलाकर देश-दुनिया में फेमस हैं।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in