नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। जम्मू-कश्मीर के रजौरी में शहीद हुए 29 वर्षीय कप्तान शुभम गुप्ता की शादी होने वाली थी। परिवार और विशेषकर मां काफी उत्साहित थीं। शुभम इसी सप्ताह लड़की देखने के लिए घर आने वाले थे, लेकिन बुधवार को धर्मसाल के बाजीमाल में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिलने पर कैप्टन टीम लेकर सर्च ऑपरेशन को चल पड़े। इस दौरान जंगल में आतंकियों ने उन पर फायरिंग की, जिसमें वह शहीद हो गए।
2018 में बहाल हुए थे
शुभम के पिता बसंत गुप्ता वकील हैं। ताऊ तोताराम गुप्ता सेना की मेडिकल कौर में थे। चाचा माता प्रसाद यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं। चाचा दिलीप गुप्ता सीओडी हैं। छह महीने पहले शुभम परिवार से मिलने आगरा आया था। इस बार उसने जन्मदिन भी ड्यूटी पर मनाया था। इस हफ्ते घर आने वाला था कि बुधवार शाम को आगरा डीजीसी क्राइम बंसत गुप्ता के लिए बुरी खबर आ गई। इसके साथ ही परिवार के अरमान आंसुओं में बह गए। शुभम 10वीं कर आर्मी की जाने की तैयारी में जुटा था। 29 वर्षीय शुभम ने 2015 में आर्मी में जाने की ट्रेनिंग शुरू की थी। 2018 में बहाल हुआ था।
शोक मनाने घर पहुंचे सांसद, मंत्री और विधायक
ताजनगरी फेज वन प्रतीक एन्कलेव शुभम के भाई नितिन गुप्ता ने बताया कि कैप्टन शुभम 9 पैरा बटालियन में थे। उनका एक बड़ा भाई शिवम और एक छोटा भाई ऋषभ है। आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विजय शिवहरे शोक संत्पत परिवार को सांत्वना दिए। एसडीएम सिटी अनूप कुमार समेत अन्य अधिकारी भी शुभम के घर पहुंचे। शुभम के परिवार-रिश्तेदारों में शोक है। काफी पड़ोसी और रिश्तेदार शोक जताने शुभम के घर पहुंचे।
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