
रायपुर, हि.स.। भारतीय जनता पार्टी के सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची 'बीरबल की खिचड़ी' की तरह हो गयी है। न बीरबल की खिचड़ी पक रही है और न कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी हो रही है, जो बताता है कि कांग्रेस के घर में गुटबाज़ी अपने चरम पर है। इसलिए मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और गृह मंत्री में तालमेल नहीं दिख रहा है।
श्रीवास्तव ने कहा कि देश के राजनीतिक इतिहास में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पहली ऐसी सरकार है, जो अपने काम, प्रभाव और उपलब्धियों के बजाय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार पर दोषारोपण करके चुनाव के मैदान में जा रही है।
भाजपा सरगुजा संभाग प्रभारी श्रीवास्तव ने भूपेश सरकार पर आरोप लगाए
भाजपा सरगुजा संभाग प्रभारी श्रीवास्तव ने कहा कि जो सरकार होती है, उसकी यह जिम्मेदारी होती है कि उसने जो काम किया अपने शासनकाल में किया है, वह जनता को बताए और फिर से जनादेश मांगे। भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने भी यही किया था।
आज प्रदेश में भाजपा विपक्ष में है और उसका यह अधिकार और दायित्व है कि वह सरकार की कमियों पर नजर रखे, लेकिन मौजूदा प्रदेश की भूपेश सरकार जिस तरह नकारात्मक बिंदुओं पर चुनाव लड़ने जा रही है, उससे यह आईने की तरह साफ हो गया है कि कांग्रेस की इस सरकार के पास अपनी कोई उपलब्धि या ऐसा कोई प्रभावी काम नहीं है। श्रीवास्तव आज एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री भूपेश की खुद की परफॉर्मेंस पाटन में ठीक नहीं
श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश की खुद की परफॉर्मेंस पाटन में ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने पाटन में प्रशिक्षण शिविर में कहा था 'मैं नामांकन भरने आऊंगा, चुनाव जीताने की जिम्मेदारी आपकी है।' क्या इसीलिए कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री के टिकट की घोषणा नहीं कर रही है? मुख्यमंत्री कहते हैं, दो-चार विधायकों की परफॉर्मेंस ठीक नहीं है।
यदि सभी विधायकों और मंत्रियों की परफॉर्मेंस इतनी अच्छी है, तो कांग्रेस क्यों नहीं 71 विधायकों को टिकट देने में आम सहमति बना पा रही है?
16 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रखा
श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भी प्रदेश की भूपेश सरकार को आड़े हाथों लेकर कहा कि 16 लाख गरीब परिवारों को आवास से वंचित रखने वाली 'भू-पे' सरकार की नेता प्रियंका वाड्रा 10 लाख आवास देने की बात करती हैं। यह कहने से पहले उन्हें उप मुख्यमंत्री सिंहदेव की पंचायत मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफे वाली चिठ्ठी पढ़ लेनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री आवास योजना को लॉन्च किया गया था, लेकिन लाभ गरीब जनता को नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेताओं को दिया गया, जो बताता है कि किस षड्यंत्र के तहत और क्यों मुख्यमंत्री भूपेश द्वारा प्रधानमंत्री आवास रोके गए थे।
श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार की 'मुख्यमंत्री आवास योजना' की पहली ही सूची में कांग्रेस के नेताओं, पदाधिकारियों और उनके परिजनों के नाम सामने आने से यह साफ हो गया है कि यह योजना कांग्रेस के ही लोगों को फायदा पहुँचाने की बदनीयती से शुरू की गई है। गरीबों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने के लिए करने वाली कांग्रेस का गरीबों की भलाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता कभी नहीं रहा है।
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