बंगाल मनरेगा की लड़ाई राज भवन तक आई, धरने पर बैठे TMC नेता अभिषेक बनर्जी, बोले- राज्यपाल दें सवालों का जवाब

kolkata: कोलकाता में राजभवन के सामने अभिषेक बनर्जी का धरना गुरुवार शाम से जारी है। इधर राज्यपाल अभी उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में हैं और कोलकाता नहीं लौटे हैं इसलिए धरना लंबा चलने की उम्मीद है।
Abhishek Banerjee
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कोलकाता, हि.स.। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में राजभवन के सामने अभिषेक बनर्जी का धरना गुरुवार शाम से जारी है। शुक्रवार दोपहर 11:30 बजे से एक बार फिर अभिषेक बनर्जी मंच पर आ गए हैं। कोलकाता और आसपास के बड़े तृणमूल नेता मंच पर आने लगे हैं। उनके साथ कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे। रात भर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया गीत बजता रहा।

अभिषेक बनर्जी ने राज्यपाल से दो सवालों का जवाब मांगा

अभिषेक की मौजूदगी की वजह से यहां सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था कर दी गई है। राज भवन के उत्तरी गेट पर बने मंच को और मजबूत किया जा रहा है। बारिश का मौसम है इसलिए कोई समस्या ना हो इसको ध्यान में रखते हुए मंच की छावनी को भी बदला गया है।

अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार शाम को ही घोषणा कर दी थी कि जब तक राज्यपाल आकर उनके दो सवालों का जवाब नहीं देंगे तब तक वह राज भवन के सामने धरने पर बैठे रहेंगे। उसी के मुताबिक वहां बैठे हुए हैं। रात के समय वह मंच के पीछे बने कैंप में ठहरे थे जबकि बाकी नेता वापस चले गए थे। शुक्रवार सुबह 11:30 बजे से एक बार फिर वह मंच पर आ गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी जुटने लगे हैं।

राज्यपाल सिलीगुड़ी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे

उल्लेखनीय है कि राज्य के बकाए की मांग पर दिल्ली में धरना देने के बाद अभिषेक बनर्जी का राज भवन के पास धरना हो रहा है। उनका कहना है कि राज्यपाल से वह दो सवालों का जवाब लेंगे। किस कानून के तहत बंगाल में मनरेगा मजदूरों का फंड रोका गया है? और 20 लाख मजदूरों ने मनरेगा में काम किया है या नहीं?

उधर राज्यपाल सिलीगुड़ी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे हैं। उन्होंने कह दिया है कि फिलहाल वह प्रभावित लोगों से मुलाकात करने के बाद ही लौटेंगे जिसको मुलाकात करनी है वह सिलीगुड़ी आए। दूसरी ओर राज्यपाल ने कह दिया है कि घेराव नहीं घर आओ। यानी कि वह इस संस्कृति को स्वीकार नहीं करेंगे। राज्यपाल ने कहा है कि वह अपनी मिट्टी पर हैं और लोगों की समस्याओं को देख रहे हैं। इसलिए उसे छोड़कर वापस नहीं लौटेंगे। इसलिए अभिषेक का धरना लंबा चल सकता है।

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