बाबूलाल मरांडी ने कहा कि साहिबगंज और पाकुड़ में बहुत गंभीर स्थिति हैं। हालात चिंताजनक है, आदिवासियों का अस्तित्व डेमोग्राफी बदलाव से खतरे में है।