Air Pollution: AQI 450 पार, दिल्ली जहरीली हवा से हरकत में सरकार, 9 से 18 नवंबर तक दिल्ली के सभी स्कूल बंद

New Delhi: दिल्ली और आसपास के महानगरों के लोगों की सांसों पर जहरीली हवा का पहरा हटा नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज सुबह AQI का स्तर 460 रहा।
Delhi Air Pollution
Delhi Air PollutionRaftaar.in

नई दिल्ली, हि.स.। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के महानगरों के लोगों की सांसों पर जहरीली हवा का पहरा हटा नहीं है। दिल्ली में खतरनाक वायु प्रदूषण को लेकर 9 से 18 नवंबर तक स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों का ऐलान किया गया है। दिल्ली सरकार ने इस साल एक महीने पहले ही स्कूलों में विंटर वेकेशन की घोषणा की है। हर साल दिसंबर-जनवरी के बीच स्कूलों में विंटर वेकेशन होता था। दिल्ली के शिक्षा विभाग ने आज अपने आदेश में कहा कि दिल्ली में फिलहाल प्रदूषण कम होने की कोई संभावना नहीं है। इसलिए सभी स्कूलों में सर्दी की छुट्टियां रहेंगी। इस दौरान छात्र और शिक्षक अपने घरों में रहेंगे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 460 रहा। सुबह पंजाबी बाग का एक्यूआई 460, आनंद विहार का 452 और आरकेपुरम का 433 दर्ज किया गया। सोमवार सुबह इसी समय दिल्ली का औसतन स्तर 453 था।

NCR दिल्ली के स्कूल बंद

बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को प्रदूषण में मामूली सुधार के बाद स्थिति में अधिक बदलाव नहीं हुआ है। वायु प्रदूषण की गंभीर होती स्थिति को देखते हुए गौतमबद्ध नगर में नौवीं तक के स्कूल 10 नवंबर और गाजियाबाद में अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। पूर्वानुमान है कि अगले छह दिनों में दिल्ली की आबोहवा बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है।

IMD ने बारिश का जताया अनुमान

कल दिल्ली-एनसीआर में ग्रेटर नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। यहां का एक्यूआई 457 दर्ज किया गया। दूसरे नंबर पर दिल्ली रहा। यहां का एक्यूआई 395 रहा। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों में बारिश का अनुमान जताया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि अगर बरसात होती है तो वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकता है।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in