दिल्ली हिंसा: पिंजरा तोड़ संगठन से जुड़े आरोपितों की सूचनाएं लीक न करे पुलिस
दिल्ली हिंसा: पिंजरा तोड़ संगठन से जुड़े आरोपितों की सूचनाएं लीक न करे पुलिस

दिल्ली हिंसा: पिंजरा तोड़ संगठन से जुड़े आरोपितों की सूचनाएं लीक न करे पुलिस

नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता देवांगन कलीता या किसी दूसरे आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर से संबंधित आरोपों और साक्ष्यों से संबंधित सूचना किसी व्यक्ति, मीडिया या सोशल मीडिया से साझा नहीं करें। मामले पर अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी। देवांगन कलीता के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने चार एफआईआर दर्ज की हैं। दो एफआईआर जाफराबाद थाने में दर्ज की गई हैं, जबकि एक एफआईआर क्राइम ब्रांच ने दरियागंज थाने में दर्ज की है। कलीता ने याचिका दायर करके कहा है कि क्राइम ब्रांच आरोपों के संबंध में कुछ खास सूचनाएं मीडिया को लीक कर रही है। कलीता की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा कि ऐसी सूचनाएं लीक करके ट्रायल को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि असम में कलीता के खिलाफ एक खास खबर छापी गई जिससे कलीता और उसके परिवार वालों की जान खतरे में पड़ गई है। कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के डीसीपी को निर्देश दिया कि वो इस बारे में दो हफ्ते के अंदर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि क्या क्राइम ब्रांच के किसी अधिकारी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी तीसरे व्यक्ति, पत्रकारों या सोशल मीडिया के जरिये सूचना सर्कुलेट की है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो कलीता या किसी दूसरे आरोपी के खिलाफ किसी आरोपों या साक्ष्यों के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं करें। पिंजरा तोड़ संगठन से जुड़ी कलीता फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उसे दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पिछले 2 जून को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दर्ज एक मामले में जमानत दे दी थी, लेकिन उसके बाद क्राइम ब्रांच ने उसे दूसरी एफआईआर के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। कलीता पर आरोप है कि उसने पिछले 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम करने के लिए लोगों को उकसाया था। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ लोग घायल हो गए थे। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

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