
नई दिल्ली, 14 नवंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में दीपावली के बाद हवा और ज्यादा खराब होने से एक बार फिर सांसों पर संकट मंडराने लगा है। एनसीआर के प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा- बारिश और हवा के चलते प्रदूषण का स्तर कम हो गया। दिल्ली के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध और पटाखे पर सरकारी प्रतिबंधों का पालन किया।
गोपाल राय ने आगे कहा कि हमने कुछ स्थानों पर देखा, विशेष रूप से भाजपा नेताओं ने पटाखों का प्रचार किया। कुछ स्थानों पर पटाखे फोड़े गए और उसी के कारण आज AQI बढ़ गया है। यदि वे पटाखे नहीं फोड़े गए होते, तो AQI कम रहता।
भाजपा ने दिया गोपाल राय को जवाब
वहीं, दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने वायु प्रदूषण पर गोपाल राय के बयान को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए पटाखों को जिम्मेदार ठहराना मूर्खता है। एक सप्ताह पहले दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक 400-500 के आसपास था। दिवाली के बाद यह 296 है। यदि पटाखों से प्रदूषण होता है, तो गाजा में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होगा होना चाहिए प्रदूषण के खिलाफ लड़ो।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 450 पर आ गया। राजधानी के आरकेपुरम में एक्यूआई 417, पंजाबी बाग में 410, आईटीओ में 430 और जहांगीरपुरी में 428 रहा। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि आगामी कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के साथ कोहरा भी छाने लगेगा।
ध्वनि प्रदूषण
सांसों में मंडराते संकट के बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने दीपावली पर दिल्ली में 31 जगहों पर ध्वनि प्रदूषण का आकलन किया। इनमें 7 साइलेंस जोन, 8 आवासीय क्षेत्र, 11 व्यापारिक और 5 औद्योगिक क्षेत्र शामिल रहे। इस दौरान नजफगढ़ में सबसे कम और करोलबाग में सबसे ज्यादा स्तर दर्ज किया गया। नजफगढ़ में सबसे कम ध्वनि प्रदूषण 53.7 डेसीबल और करोलबाग में सबसे अधिक 84.5 रहा।
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