विश्व योग दिवस विशेष : कोरोना से युद्ध लड़ने की क्षमता आपके अंदर ही है-हितकारी
विश्व योग दिवस विशेष : कोरोना से युद्ध लड़ने की क्षमता आपके अंदर ही है-हितकारी

विश्व योग दिवस विशेष : कोरोना से युद्ध लड़ने की क्षमता आपके अंदर ही है-हितकारी

गाजियाबाद, 12 जून (हि.स.)। पिछले तीस वर्षों के दौरान लाखों लोगों को निशुल्क योग सिखाकर उन्हें संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देने वाले योगाचार्य देवेंद्र हितकारी कहते हैं कि कोरोना से युद्ध लड़ने की शक्ति के लिए आपको कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह क्षमता आपके अंदर ही है। जिसे हम रोग प्रतिरोधक क्षमता इम्युनिटी पावर कह सकते हैं। भारत रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़कर ही कोरोना पर काबू पाने में कामयाब होगा। देवेंद्र हितकारी कहते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को हम तीन प्रकार से समझ सकते हैं। पहली जन्मजात (इनबिल्ट) यह इम्युनिटी पावर बच्चे को माता से मिलती है, यानि यदि माँ कहीं कमजोर होती है तो उसका बच्चा भी कमजोर होता है। इसी तरह यदि किसी बिन्दु पर माता के शरीर पर किसी बीमारी का असर कम होता है तो बच्चे के शरीर पर भी यही असर होता है। दूसरे अडॉप्टिंग इम्युनिटी पावर होती है, जिसमें दूसरे शरीर से प्लाज़्मा आदि लेकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाती है। इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों का प्लाज़्मा चढ़ाकर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना पर काबू पाया जा रहा है। हितकारी कहते हैं कि तीसरी मगर काफ़ी महत्वपूर्ण अक़वायर्ड इम्युनिटी पावर है, जो भारत जैसे देश में बहुत ही कारगर साबित हो सकती है। भारत वर्ष सनातन धर्म से जुडा है। इसके अलावा यहां का हर धर्म का व्यक्ति अपने ईश्वर को बड़ी ही शिद्दत से मानता है और उस पर पूर्ण रुप से विश्वास करता है। वह अनुशासित जीवन भी जीता है। सकारात्मक सोच के साथ उसकी यही जीवन शैली उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूत करती है। योग हैं इसमें सबसे ज्यादा कारगर देवेंद्र हितकारी बताते हैं कि कोरोना या अन्य किसी भी बीमारी से बचने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना बेहद जरूरी है, इसके लिए हमें गर्म पानी व गर्म पानी से गरारे करना काफ़ी मुफीद होता है। साथ ही हमें कफ बनाने वाले भोज्य पदार्थों से बचना चाहिए जैसे दूध, दही, अरबी, उर्द की दाल,। योग से बढ़ाई जा सकती है रोग प्रतिरोधक क्षमता हितकारी कहते हैं कि योग आसन करके भी हम इम्युनिटी पावर बढ़ाकर कोरोना को मात दे सकते हैं। इसके लिए बैकवर्ड फीडिंग (पीछे झुकने वाले आसन) नियमित रूप से करने चाहिए । इनमें कोन, भुजंग, अष्ट्र, मकर, मत्स्य की संख्या बढ़ाना व प्राणायाम सबसे ज्यादा लाभकारी है। इसमें प्राणायामसबसे ज्यादा प्रभावशाली है। इसके अभ्यास से आंतरिक इम्युनिटी मज़बूत होती है। यह ओटो इम्युनिटी को मज़बूत करता है इसके लिए हमें यह ध्यान देना होगा की शरीर, श्वास और मन पर ध्यान पूरी तरह से केंद्रित होना चाहिए। इससे भय दूर होता है और इम्युनिटी पावर बढ़ती है। इसके अलावा आंवला, हर्ब्स, हरी पत्तियाँ, दाल, सब्जी गुड़, गलोय व आयुर्वेदिक काढ़ा बेहद लाभप्रद है। 30 साल से निशुल्क योग सिखा रहे देवेंद्र हितकारी पिछले 30 साल से निशुल्क योग सिखाकर लोगों का हित कर रहे हैं। वह पिछले साल से अखिल भारतीय योग संस्थान के लगातार महासचिव पर आसीन है। इसके अलावा वह अनेक समाज सेवी संस्थाओं से भी जुड़े हैं और आजकल ऑनलाइन योग सीखा रहे है जिसका वह कोई शुल्क नहीं लेते हैं और कोई भी उनसे जुड़ सकता है। उन्होंने हिमालय, ऋषिकेश, शांतिकुंज हरिद्वार आदि आश्रमों में आयोजित योग शिविरों में भाग लेकर उन्होंने अपने जीवन में योग को आत्मसात किया है। विश्व योग दिवस का इतिहास विश्व योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए योग के महत्व पर चर्चा की थी। संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान/दीपक-hindusthansamachar.in

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