प्रदेश में औद्योगिक विकास का घूमने लगा चक्का
जयपुर, 12 जून (हि.स.)। प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों में रौनक लौटने लगी है। कोराना लाकडॉउन की बंदिशों के बाद अनलॉक 1 के साथ फैक्ट्रियों में मशीनों के चक्के एक बार फिर दौड़ने लगे हैं। प्रदेश की अनेक एमएसएमई इकाइयों द्वारा नवाचारों का प्रयोग करना राज्य के औद्योगिक परिदृश्य के लिए शुभ संकेत है( कोटा, भीलवाड़ा, भरतपुर, अलवार, भिवाड़ी, बीकानेर, चित्तोडगढ़, जोधपुर, जयपुर, अजमेर आदि जिलों में अधिकांश बड़ी इकाइयों ने उत्पादन शुरु कर दिया है। हालांकि श्रमिकों के पलायन, लॉकडाउन नियमों और मांग की कमी के चलते उत्पादन की गति अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। उद्योग विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो सीमेंट, टैक्सटाइल्स, पत्थर, आयल, फूड प्रोसेसिंग, फर्टिलाइजर, केमिकल, ग्लास, स्टील, री रोलिंग, आईटी, गारमेंट, जनरल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल्स, आटोमोबाइल आदि लगभग सभी सेक्टर में उत्पादन शुरू हो गया है। प्रदेश में करीब साढे छत्तीस हजार लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों का संचालन आरंभ हो गया है वहीं करीब 80 से 85 प्रतिशत वृहदाकार उद्योग की चिमनियों ने धुंआ उगलना शुरू कर दिया है। राज्य में लगभग सभी सीमेंट कंपनियों और सात सौ से अधिक आयल मिलों में खाद्य तेल का उत्पादन तेजी से होने लगा है। इसके अलावा वस्त्र नगरी भीलवाड़ा की सभी नौ मेगा टेक्सटाइल मिलें आरंभ हो चुकी हैं। लॉकडाउन के दौरान ही भीलवाड़ा में पैंतालीस मेगा व वृहदाकार और करीब ढाई सौ टेक्सटाइल मिलों में कामकाज होने लगा था, वहीं बाडमेर के बालोतरा में पच्चीस फीसदी और पाली में पचास से अधिक टेक्सटाइल यूनिट शुरू हो चुकी थी। अपनी कारीगरी से पत्थरों में जान फूंकने वाली सिकंदरा, करौली, बयाना, धौलपुर, कोटा, झालावाड़ आदि स्थानों पर छेनी हथौड़े का जादू आरंभ हो गया है। सैंकडों कारीगरों ने पत्थर के झरोखे, जाली, छतरी, फव्वारे, स्लेब्स, टायल्स निर्माण में अपना हुनर दिखाना शुरु कर दिया है। प्रदेश के ऑटोमोबाइल कम्पनियों का सन्नाटा भी टूट गया है। देश में अनलॉक 1 के साथ गाडियों की मांग भरने के साथ ही प्रदेश में हीरो मोटर्स ने छह सौ गाड़ियां प्रतिदिन निर्माण आरंभ कर दिया है वहीं होण्डा ग्रुप में दौ सौ दुपहिया व सौ चौपहिया कारों का प्रतिदिन उत्पादन शुरु हो गया है। हालांकि पूरे देश के भांति प्रदेश भी श्रमिकों के पलायन की समस्या से जूझ रहा है। प्रदेश में साढे तीन लाख श्रमिक काम पर लौटे हैं जो मात्र कुल मजदूरों की संख्या कर 25-30 प्रतिशत के करीब है। फैक्ट्रियों में एक पारी में मजदूरों की सीमित संख्या और श्रमिकों के बीच दो गज की दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) जैसे लॉकडाउन नियम भी उत्पादन की गति रोक रहे हैं। इसके अलावा मांग में कमी भी उत्पादन की राह में रोड़ा अटका रही है। उद्योग व मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि समूचे देश में उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अनुकूल माहौल व अधिक सहूलियतें राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में देशी के साथ ही विदेशी निवेश को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार जल्दी ही वन स्टॉप शॉप लाने जा रही है जिससे प्रदेश में उद्यम लगाने वाले उद्यमियों को एक ही स्थान पर सभी सेवाएं प्राप्त हो सकेगी। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in