नई दिल्ली, रफ़्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान आज 19 अप्रैल 2024 सुबह 7 बजे से शुरू हो चुकी है। वहीं बिहार की गया लोकसभा सीट भी काफी चर्चा में है। गया लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी इस चुनाव में जीत दर्ज कर संसद में जाने की पूरी तैयारी में लगे हुए थे। आज गया लोकसभा सीट के मतदाता बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी या अन्य प्रत्याशियों के नाम पर अपना मतदान कर देंगे। जिसका परिणाम 4 जून 2024 को आ जायेंगे। जीतन राम मांझी का इस लोकसभा चुनाव में सांसद बनने का बहुत बड़ा सपना है। एनडीए के सीट बंटवारे में गया लोकसभा सीट जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के खाते में आयी।
अभी तक मतदान का प्रतिशत
गया लोकसभा सीट में अभी तक 9.45% मतदान हुआ है। इस लोकसभा सीट में आने वाली विधान सभा सीटों में अभी तक शेरघाटी में 9.20%, बोधगया में 10.61, बाराचट्टी में 11%, गया में 6.81%, बेलागंज में 7.50% और वजीरगंज में 11% मतदान हुआ है।
जीतन राम मांझी की कड़ी टक्कर RJD नेता सर्वजीत के बीच है
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी इससे पहले भी तीन बार लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा चुके हैं। लेकिन वह लोकसभा के चुनाव जीत नहीं पाए। अबकी बार देखना होगा कि क्या वे अपने मुद्दे जनता के सामने रखने में कामयाब हुए कि नहीं? आज गया के मतदाता अपने अपने पसंद के प्रत्याशियों के लिए मतदान कर रहे हैं। 4 जून 2024 को चुनाव आयोग गया लोकसभा सीट का भी परिणाम घोषित कर देगा। अबकी बार एनडीए ने अपना लोकसभा चुनाव 2024 में 400 पार सीटों का लक्ष्य रखा है। जीतन राम मांझी की कड़ी टक्कर महागठबंधन की तरफ से चुनावी मैदान में उतरे RJD नेता और बिहार के पूर्व मंत्री सर्वजीत के बीच है।
जीतन राम मांझी राजनीती से पहले नौकरी किया करते थे
जीतन राम मांझी राजनीती से पहले नौकरी किया करते थे। उन्होंने पहली बार वर्ष 1980 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था और उस चुनाव में जीत दर्ज करके विधायक बने थे। जीतन राम मांझी का सांसद बनने का सपना वर्ष 1991 से ही चला आ रहा है। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1991 में गया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जिसमे उनकी हार हुई थी। इसके बाद जीतन राम मांझी ने वर्ष 2014 में JDU से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन इसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2019 में उन्हें एनडीए के उम्मीदवार के रूप में JDU नेता विजय मांझी ने हरा दिया था। ये बात अलग है कि जीतन राम मांझी लोकसभा चुनाव लड़ने के बावजूद भी बिहार के मुख्यमंत्री बन गए थे।
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