नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। जम्मू कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी को लेकर लोकसभा चुनाव का संशय बना हुआ है। दरअसल कुछ राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों ने प्रतिकूल मौसम की संभावना के चलते चुनाव आयोग को चुनाव की तारीख में फेरबदल करने की मांग की है। जिसको लेकर चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव अटल डुल्लू और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। जैसे ही इसकी सूचना पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लगी तो उन्होंने इसको लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है।
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने चुनाव आयोग को पत्र के माध्यम से आपत्ति जताई
दरअसल जम्मू कश्मीर के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने चुनाव आयोग को पत्र के माध्यम से कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल को अनंतनाग-राजौरी सीट पर हार का आभास हो गया है। जिसके कारण वे प्रतिकूल मौसम का बहाना बनाकर यहां तीसरे चरण के लिए 7 मई को होने वाले मतदान को स्थगित कराना चाहते हैं।
मुझे मिल रहे भारी समर्थन से इन पार्टियों के नेता डर गए हैं: महबूबा मुफ्ती
पीडीपी पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दल मेरे खिलाफ एकसाथ खड़े हैं। वे मुझे संसद में जाने से रोकना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा की मुझे मिल रहे भारी समर्थन से इन पार्टियों के नेता डर गए हैं। इसी कारण इन दलों ने अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट में चुनाव स्थगित कराने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद है: पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी महबूबा मुफ्ती की मांग पर अपनी सहमति जताई है। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी का इस चुनाव में पलड़ा भारी है। जिसके कारण ये दल चुनाव आयोग को पत्र लिख कर चुनाव स्थगित कराने की मांग कर रहे हैं। इनके उम्मीदवार की हार साफ है। जिसके कारण ये लोग इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिन्होंने चुनाव आयोग को चुनाव स्थगित कराने के लिए पत्र लिखा है। उनमे से कुछ पार्टियों का चुनाव से कुछ लेना देना ही नहीं है। क्योंकि उनका कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं है। उन्होंने उदाहरण के लिए पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और भाजपा पार्टी का नाम लिया। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि क्या में तमिलनाडु में पत्र लिखकर वहां चुनाव स्थगित करवा सकता हूं। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग उनके पत्र पर विचार नहीं करता है और चुनाव स्थगित कर देता है तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद है।
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