Loksabha Election: ये आदमी हारने के लिए लड़ता है चुनाव, 99वीं बार मैदान में, शतक पूरा करने का है सपना

Loksabha Election: दरअसल हसनुराम अंबेडकरी ने वर्ष 1985 से 98 बार चुनाव लड़ा और हर बार हार का सामना किया।
Hasnuram Ambedkari
Hasnuram Ambedkariraftaar.in

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। दुनिया में ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं, जो लगातार हार के बावजूद फिर से मैदान में खड़े होकर अपने लक्ष्य में लग जाते हैं। उन्हें इस बात का बिल्कुल भी डर नहीं होता है कि लोग क्या कहेंगे। ऐसी ही एक कहानी 79 वर्षीय हसनुराम अंबेडकरी की है।

अपने जीवन में चुनाव लड़ने का शतक बनाकर ही रहेंगे

दरअसल हसनुराम अंबेडकरी ने वर्ष 1985 से 98 बार चुनाव लड़ा और हर बार हार का सामना किया। इस बार उन्होंने फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नामांकन किया था। लेकिन उनका इस लोकसभा सीट से नामांकन खारिज कर दिया गया है। 79 वर्षीय हसनुराम अंबेडकरी का अभी भी हौसला कम नहीं हुआ है। अगर उनका इस बार का नामंकन खारिज नहीं हुआ होता तो उनका यह 99 वां चुनाव होता। उनका कहना है कि वह अपने जीवन में चुनाव लड़ने का शतक बनाकर ही रहेंगे।

हार की सोच उन्हें चुनाव लड़ने से रोक नहीं सकती है

हसनुराम अंबेडकरी के चुनाव लड़ने के निर्णय का उनका परिवार पूरा सम्मान करता है। हसनुराम अंबेडकरी ने चुनाव लड़ने का शतक बनाने का अपना लक्ष्य रखा है। उनके अनुसार वह जल्द ही अपना यह लक्ष्य पूरा कर लेंगे। उनका परिवार भी उनके साथ खड़ा है। हसनुराम अंबेडकरी ने एक क्लर्क और मनरेगा कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा दी है। उन्होंने अब तक जो भी चुनाव लड़ा है। उसका सारा खर्च उन्होंने खुद ही उठाया है। हसनुराम अंबेडकरी का कहना है कि चुनाव लड़ना उनका जूनून है। जिसका खर्च वह खुद ही उठाते हैं। किसी से इसके लिए मदद नहीं मांगते हैं। उनकी सबसे अच्छी बात यह है कि उन्हें पता है कि वह चुनाव जीत नहीं पाएंगे। उनका कहना कि हार की सोच उन्हें चुनाव लड़ने से रोक नहीं सकती है। हसनुराम अंबेडकरी का कहना है कि वह जानते है उनकी उम्र बढ़ती जा रही है। लेकिन वह दुनिया को अलबिदा कहने से पहले अपना लक्ष्य को पूरा कर लेंगे।

अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in