बंगाल में पहले चरण की इन सीटों पर होगा मतदान, संदेशखाली बना है बड़ा मुद्दा, BJP और TMC में सीधी जंग का ऐलान

Loksabha Election: राज्य में BJP और TMC के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। दोनों ही दल जनता के सामने अपने मुद्दे खुलकर रख रहा है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। देश में चुनावी माहौल है। ऐसे में कोई भी दल अपने मुद्दों को जनता के सामने रखने से चूक नहीं रहा है। ये बात अलग है कि कौन सी राजनीतिक पार्टी अपने मुद्दे जनता के सामने किस तरह से रखने में सफल हुई है। क्यूंकि इसका पता तो चुनाव के परिणाम आने के बाद ही पता चलेंगे। पश्चिम बंगाल में भी राजनीतिक दलों के बीच अपने मुद्दे जनता के बीच रखने में होड़ लगी हुई है। राज्य में तीन सीटों जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार में पहले चरण के मतदान 19 अप्रैल 2024 को होने है।

दोनों ही दल जनता के सामने अपने मुद्दे खुलकर रख रहा है

उत्तर बंगाल में नरेंद्र मोदी भी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं। वहीं ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कई बार जनसभा को संबोधित कर चुकी हैं। राज्य में BJP और TMC के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। दोनों ही दल जनता के सामने अपने मुद्दे खुलकर रख रहा है। भाजपा खुलकर मतदाताओं से कह रही है कि TMC के गुंडों से डरने की जरुरत नहीं है। भाजपा ने TMC को संदेशखाली हिंसा और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरा हुआ है। तो TMC सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाकर कह रही है की सीएए और एनआरसी को लागू नहीं होने दिया जायेगा।

पश्चिम बंगाल में जहां प्रथम चरण के चुनाव होने है, तीनों सीटें चाय बागान बेल्ट की हैं

उत्तर बंगाल की दक्षिण मालदा लोकसभा सीट को छोड़कर बाकि सभी सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं। भाजपा अपने मुद्दों को खुलकर उत्तर बंगाल के मैदानी इलाके से लेकर चाय बागान तक पंहुचा रही है। भाजपा खुलकर संदेशखाली हिंसा और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दों को उठाकर जनता के सामने रख रही है। पश्चिम बंगाल में पहले चरण में जिन तीन सीटों पर चुनाव होने है उस पर साल 2014 में TMC के सांसद थे। पश्चिम बंगाल में जहां प्रथम चरण के चुनाव होने है, तीनों सीटें चाय बागान बेल्ट की हैं। इस इलाके में चाय बागान के मजदूरों की संख्या अधिक होने की वजह से जहां भाजपा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना और राशन के मुद्दों को जनता के सामने खूब उठा रही है तो वहीं टीएमसी अपनी प्रसिद्ध योजनाओं जैसे चा-सुंदरी, लक्खी भंडार, कन्याश्री या रूपश्री को गिनाने में लगी है।

ममता सरकार की पहली बार रामनवमी पर अवकाश की घोषणा

भाजपा ने ममता सरकार को पिछले साल हुए रामनवमी हिंसा के मामले में घेरना शुरू किया, तो ममता सरकार ने पहली बार रामनवमी पर अवकाश की घोषणा करके भाजपा के मुद्दे को फीका करने की कोशिश की है। भाजपा के पास राम मंदिर जैसा बड़ा मुद्दा है। जिसको भुनाने में भाजपा किसी तरह भी पीछे नहीं है।

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