Election 2024: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बैलेट पेपर से वोटिंग की मांग, जानें फैसले में क्या-क्या कहा

Loksabha Elections 2024: सुप्रीम कोर्ट ने मतदान प्रणाली को लेकर आज बड़ा फैसला सुनाया है। ईवीएम-वीवीपैट में गड़बडी का आरोप लगाकर बैलेट पेपर से मांग कराने के मामले में फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट।
सुप्रीम कोर्ट। रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बैलेट पेपर से मतदान की मांग का नामंजूर कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ईवीएम से ही मतदान होगा। वीवीपैट से 100 प्रतशत पर्चा मिलान भी नहीं कराया जाएगा। यह भी कहा कि 45 मिनट तक वीवीआई की पर्ची सुरक्षित रहेगी।

कोर्ट ने सुनवाई को दौरान क्या कहा?

इस फैसले के निष्कर्ष का हवाला देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बैलेट पेपर से मतदान को वापस लाने, EVM-VVPAT सत्यापन पूरा करने, मतदाताओं को वीवीपैट पर्चियां बैलेट बॉक्स में डालने के लिए देने की प्रार्थनाएं खारिज कर दी गई हैं। न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, "हमने मौजूदा प्रोटोकॉल, तकनीकी पहलुओं और रिकॉर्ड में मौजूद डेटा का हवाला देते हुए उन सभी को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना और जज दीपांकर दत्ता की पीठ ने 18 अप्रैल को वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के साथ EVM का उपयोग करके डाले गए वोटों के क्रॉस-चैकिंग की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने पहले कहा था कि इस पर स्पष्टीकरण की जरूरत है। कुछ ऐसे पहलू है जिन पर EVM पर 'अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों' (FAQ) में चुनाव आयोग द्वारा दिए गए उत्तर अभी भी साफ नहीं हैं। इस सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट के जज दत्ता ने वकील प्रशांत भूषण से कहा कि चुनावी चिन्ह के साथ छेड़छानी की अबतक कोई घटना सामने नहीं आई है। जस्टिस दत्ता ने आगे कहा, गिने गए 5% VVPAT पर कोई उम्मीदवार दिखा दे की वोट मैच नहीं हुआ है

VVPAT मामले में सुप्रीम कोर्ट का बयान

सुप्रीम कोर्ट के जज खन्ना ने आश्वासन दिया, “अगर कुछ सुधार करना है, तो हम निश्चित रूप से सुधार कर सकते हैं। अदालतों ने दो बार हस्तक्षेप किया। एक बार जब हमने कहा था कि VVPAT अनिवार्य होना चाहिए। दूसरी बार, जब हम एक से बढ़कर 5 हो गए।'' सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब भी शीर्ष अदालत ने मतदान प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव मांगा, तो प्रस्तुतियां में लिखा था बैलट पेपर को वापस लाएं। अपने बचाव में चुनाव आयोग के अधिकारी ने शीर्ष अदालत को बताया, “सभी तीन इकाइयों CU, BU और VVPAT के पास अपने स्वयं के माइक्रो कंट्रोलर हैं। ये माइक्रो कंट्रोलर इसमें रखे गए हैं। इससे छेड़खानी नहीं की जा सकती।

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