नई दिल्ली, रफ्तार (हि.स.)। लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के प्रचार-प्रसार ने जोर पकड़ लिया है। इसी के साथ भाजपा और कांग्रेस ने मैदान में अपने स्टार प्रचारकों को चुनावी मैदान मैं उतार दिया है। भाजपा के प्रचार-प्रसार की कमान जहां पीएम मोदी के साथ उनके पार्टी के अन्य सदस्यों ने संभाल रखा है। तो वहां अब कांग्रेस ने भी चुनावी मैदान में अपने स्टार प्रचारकों को उतार दिया है, जिसकी कमान गांधी परिवार ने संभाल रखी है। इसी क्रम में अभी कुछ दिनों पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शहडोल में जनसभा की थी। जिसके बाद अब सोमवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां के से रैली कर चुनावी फूंका बिगुल दिया है। राहुल गांधी ने आज शहडोल के बाणगंगा मेला मैदान में एक विशाल जनसभा की है।
शहडोल संसदीय क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर
शहडोल संसदीय क्षेत्र में पूर्व की तरह इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। कुल दस प्रत्याशी मैदान में जिसमें दो निर्दलीय हैं। प्रचार-प्रसार में भी दो दल ही आगे नजर आ रहे हैं। दोनों दल आदिवासी वोटरों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जनसभा के माध्यम से राहुल गांधी भी आदिवासी बाहुल सीट शहडोल पर अपना दावा मजबूत करने का प्रयास करेंगे। राहुल गांधी के सभा से कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें हैं। कांग्रेस अपने परंपरागत बोटरों को लुभाने के लिए मेहनत कर रही है। शायद यही बजह है कि राहुल गांधी खुद शहडोल और मंडला में एक ही दिन दो जनसभा कर रहे हैं।
कांग्रेस का प्रयास, आदवासी सीटों पर वापसी का इन्तजार
2019 के चुनाव में प्रदेश की 29 में 28 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें शहडोल भी शामिल है। इस बार भाजपा पूरी ताकत लगा रही है कि सभी 29 सीटों पर कब्जा किया जाए, जबकि कांग्रेस प्रयास में है कि आदवासी सीटों पर वापसी की जाए। शहडोल लोकसभा की बात करें तो 1996, 1998,1999,2004 तक यहां भाजपा का कब्जा था। हालांकि 2009 में कांग्रेस की वापसी हुई थी, लेकिन 2014 से एक बार फिर यहां भाजपा का बोलबाला है। इस बार कांग्रेस ने फुंदेलाल मार्को को को प्रत्याशी बनाया है। ये तीन बार से पुष्पराजगढ़ से विधायक है। मोदी मैजिक और लाड़ली बहना फैक्टर के बाद भी मार्को अपना गढ़ बचाने में सफल रहे हैं। लोकसभा में भी इनसे कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें है। वहीं भाजपा ने सांसद हिमांद्री सिंह पर ही भरोसा जताया है। अब राहुल गांधी की सभा से परीस्थितियों में बदलाव की उम्मीद लगाए कांग्रेसियों का आत्मविश्वास भी बढ़ने की उम्मीेद हैं।
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