Lok Sabha Poll: लोकसभा चुनाव से पहले SC का बड़ा फैसला, कहा- "बेलैट पेपर को EVM मशीन से नहीं बदला जाएगा"

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने EVM मशीन को बैलेट पेपर से बदलने वाली मांग को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से पहले हुई गड़बड़ियों का हवाला दिया।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल को EVM मशीन को बैलट पेपर से बदलने वाली मांग को खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता ने EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि बैलट पेपर से पहले कैसी धोखाधड़ी होती थी। ये अबतक हम भूले नहीं है। विपक्ष ने भी EVM पर कई बार BJP सरकार पर वोटों की चोरी का आरोप लगाया है।

बैलेट पेपर पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया जवाब

EVM मशीनों में गड़बड़ी की आरोप लगाने वाले NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना समेत 2 जजों की बेंच ने कहा कि "हम अभी अपने 60 की उम्र के दशक में हैं, अबतक हम कुछ भूले नहीं हैं, पहले किस तरह से बैलेट पेपर में खुलेआम गड़बड़ी होती थी। पोल बुथिंग पर कब्जा किया जाता था। वोटों की खुलेआम हेराफेरी होती थी।" फिलहाल 5 EVM मशीनों की जांच हुई है। इस पर वकील प्रशांत भूषण ने आश्चर्य जताया उन्होंने कहा कि तो क्य आप पोल बूथ पर कब्जे की बात कर रहै हैं। इसपर जज संजीव खन्ना ने जबाव देते हुए कहा कि पोल बूथ पर कब्जे को भूल जाइए, क्या आपको याद नहीं जब बैलेट पेपर हुआ करते थे तब क्य होता था। इस पर अब और बहस न करें।

यूरोपीय देशों का दिया हवाला

इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज दिपांकर दत्ता ने पूछा क्या आपके पास EVM मशीनों को बदलने के अलावा कोई और विकल्प है? इस पर वकील प्रशांत भूषण ने जबाव देते हुए कहा कि ज़्यादातर यूरोपीय देशों ने EVM मशीनों से बैलेट पेपर पर वापसी की है। इन देशों में भी बैलेट पेपर पर ज़्यादा भरोसा जताया गया है। जर्मनी की संवैधानिक अदालत ने अपने जजमेंट में EVM मशीनों पर सवाल उठाए हैं और इस पर भरोसा नहीं जताया है। इसलिए देश में बैलेट पेपर को फिर से लाना चाहिए।

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