नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने EVM और वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के संबंध में अपने कुछ प्रश्नों की जानकारी लेने के लिए आज दोपहर 2 बजे चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को बुलाया है। अदालत का प्रश्न है कि EVM में मौजुद माइक्रो-कंट्रोलर, EVM और VVPAT की सुरक्षा और मशीनों को रखे जाने की अधिकतम अवधि कब तक है।
आज होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट VVPAT के साथ EVM का उपयोग करके डाले गए वोटों पर क्रॉस चैकिंग की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा। VVPAT एक स्वतंत्र वोट प्रणाली है जो मतदाताओं को यह देखने में सक्षम बनाती है कि उनका वोट उनके द्वारा चुने गए उम्मीदवार को गया है या नहीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ उन याचिकाओं पर निर्देश सुनाएगी जिनमें शीर्ष अदालत ने 18 अप्रैल को आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के क्या है प्रश्न?
1. क्या माइक्रो-कंट्रोलर कंट्रोल यूनिट में मौजुद है या VVPAT में? सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि हमें लग रहा था कि यह कंट्रोल यूनिट में लगा है, लेकिन बार-बार पूछे जाने वाले सवालों में बताया गया है कि यह VVPAT में लगा है।
2. क्या माइक्रो-कंट्रोलर जो स्थापित है, एक बार प्रोग्राम करने योग्य है? (ECI का मानना है कि इसे संशोधित नहीं किया जा सकता है।)
3. कितने चुनाव चिन्ह लोडिंग इकाइयां उपलब्ध हैं?
4. चुनाव याचिका दायर करने की सीमा अवधि 30 दिन है। लेकिन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 81 के अनुसार, सीमा अवधि 45 दिन है। इसे चुनाव आयोग करें कि क्या इसे बढ़ाया जा सकता है यदि यह 45 दिन तक हो सकता है, तो क्या इसे 60 दिनों तक भी किया जा सकता है या नहीं।
5. EVM की सुरक्षा के लिए क्या नियंत्रण इकाई और VVPAT दोनों पर सील होती है?
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