Lok Sabha Poll: सैम पित्रोदा के विवादित बयान से कांग्रेस ने बनाई दूरी, जयराम रमेश बोले- ये गलत व अस्वीकार्य है

New Delhi: कांग्रेस पार्टी ने सैम पित्रोदा के विवादित बयान से दूरी बना ली है। कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने पार्टी की ओर से मामले में पार्टी की ओर से सफाई दी है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। कांग्रेस ने आज आधिकारिक तौर पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की विवादित टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है। जिसमें उन्होंने विविधता पर बोलते हुए कहा था कि दक्षिण के लोग अफ्रीकियों की तरह दिखते हैं और पश्चिम के लोग अरब की तरह दिखते हैं और पूर्व के लोग चीनी की तरह दिखते हैं।"

सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस ने खुद को किया अलग

सैम पित्रोदा के विवादित बयान पर कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने पार्टी की ओर से सफाई देते हुए 'X' पर वीडियो ट्वीट कर कहा कि "सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत व अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है।"

सैम पित्रोदा का क्या था बयान?

सैम पित्रोदा ने द स्टेटसमैन अखबार को दिए गए इंटरवियू के दौरान अपने बयान में कहा- "हम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं। जहां लोग इधर-उधर के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। पित्रोदा ने कहा, हम भारत जैसे विविधता वाले देश को एक साथ रख सकते हैं। जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। लेकिन इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता हम सभी भाई-बहन हैं।"

CM हिमंत बिस्वा सरमा ने की आलोचना

सैम पित्रोदा की इस टिप्पणी पर बीजेपी ने उन पर पलटवार किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सबसे पहले 'X' पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- "सैम भाई मैं उत्तर पूर्व से हूं और मैं एक भारतीय की तरह दिखता हूं। हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सब एक हैं अपने देश के बारे में थोड़ा समझें।"

शहजाद पूनावाला ने नस्लवाद का लगाया आरोप

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी सैम पित्रोदा की आलोचना की। उन्होंने सैम पित्रोदा पर आरोप लगाया कि ये इनकी नस्लवादी टिप्पणियां है जो राहुल गांधी के गुरु हैं। ''यह राहुल गांधी के शब्द और सोच ही हैं क्योंकि राहुल भी इन दिनों फूट डालो और राज करो की राजनीति इस हद तक कर रहे हैं कि पहले वे जाति और भाषा के आधार पर बांटते हैं और अब वे भारतीय बनाम भारतीय कर रहे हैं।'' जैसी टिप्पणियां करने के लिए क्या यह नस्लवादी टिप्पणी नहीं है? क्या यह अपमानजनक नहीं है? क्या यह टिप्पणी पूरे दक्षिण के लोगों पर नहीं है? पूनावाला ने कहा, इनकी दुकान में वास्तव में नफरत का सामान' है। जब तक कांग्रेस पूरी तरह स्पष्टीकरण नहीं देती और सैम पित्रोदा को बर्खास्त नहीं करती। इसे कांग्रेस का बयान माना जाना चाहिए।''

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