Loksabha Elections 2024 : BJP का 400 पार नारा कितना लगाएगा किनारा? समझिए चर्चित चुनावी विश्लेषक से पूरा गणित

BJP 400 Cross Slogan: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान समाप्त होने में दो घंटे बचे हैं। 21 राज्यों की 102 सीटें भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम हैं। ये सीटें किसी का भी खेल बना और बिगाड़ सकती हैं।
भाजपा 400 पार नारे के मायने क्या?
भाजपा 400 पार नारे के मायने क्या?रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में आज 102 सीटों पर वोटिंग जारी है। सीटों के अनुसार यह सबसे बड़ा फेज है। बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है। इस बीच चुनावी विश्लेषक और एक्सिस माई इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रदीप गुप्ता ने बीजेपी के 400 पार नारे पर अपनी राय दी है। उनका अनुमान है कि बीजेपी को 13 राज्यों में काफी मुश्किलें उठानी पड़ सकती हैं। उनका कहना है कि इन राज्यों में बीजेपी की सीटें जीतने की संभावना कम है। यहां उल्टे पार्टी अपनी कुछ सीटें गंवा भी सकती है।

कैसे पूरा हो सकता है 400 पार का लक्ष्य

पिछले लोकसभा चुनाव में NDA ने 352 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पार्टी का दावा है कि इस बार 400 सीटें जीतेगी। इसके मायने हैं कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को 400 सीटों तक पहुंचने के लिए कम-से-कम 48 और सीटें जीतनी पड़ेगी। एक इंटरव्यू में प्रदीप गुप्ता के मुताबिक बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा समेत 13 राज्यों एवं कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के बीच 257 सीटें हैं। यहां एनडीए ने 238 सीटें जीत ली थीं।

पिछली बार इतनी स्ट्राइक रेट होनी असंभव : प्रदीप

प्रदीप के मुताबिक इन राज्यों में NDA की स्ट्राइक रेट 93 फीसदी थी। इस बार यह स्ट्राइक रेट बरकरार रखना असंभव लगता है, बल्कि NDA कुछ सीटें गंवा सकती है। गुप्ता का कहना है कि बीजेपी को 400 सीट हासिल करनी है तो उसे यहां अपनी मौजूदा स्थिति कायम रखनी पड़ेगी। चुनाव विश्लेषक ने तर्क दिया कि महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, दिल्ली में स्थिति बदली हुई है। महाराष्ट्र में जहां 48 सीटें हैं, वहां दो प्रमुख दल-शिवसेना और राकांपा में बंटवारा हुआ है।

कर्नाटक में कांग्रेस मजबूत

साल 2018 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इन राज्यों में राजनीतिक समीकरण भी काफी बदला है। ऐसे ही कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल की है। यहां कांग्रेस बेहद मजबूत मानी जा रही। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया है। बीते चुनाव में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, असम और 7 पूर्वोत्तर राज्यों की 185 सीटों में से 109 सीटें जीती थीं। यह कुल सीटों का 60 फीसदी था।

पूर्वोत्तर राज्यों में बीजेपी जीत सकती है कुछ ज्यादा सीटें

वहीं, विपक्षी पार्टियों ने 76 सीटों पर सफलता पाई थी। प्रदीप के अनुसार इन राज्यों में इस बार बीजेपी सुधार कर सकती है। कुछ सीटें ज्यादा जीतने की संभावना है। कहा-तमिलनाडु, पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश, कश्मीर में विपक्षी दलों का पिछले चुनाव में स्ट्राइक रेट 95 फीसदी थी। यहां की बीजेपी ने 101 सीटों में से सिर्फ 5 सीटें जीती थी। इस बार भी यहां बीजेपी बहुत अच्छा प्रदर्शन करने की स्थिति में नहीं है।

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