पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे 90 के दशक में कांग्रेस से लड़े थे चुनाव,नहीं बचा सके थे जमानत

Lok Sabha Election: नब्बे के दशक में देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे को कांग्रेस ने सन् 1996 के लोकसभा चुनाव में महोबा हमीरपुर संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था।
Lal Bahadur Shastri son Sunil Shastri
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महोबा, (हि.स.)। नब्बे के दशक में देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे को कांग्रेस ने सन् 1996 के लोकसभा चुनाव में महोबा हमीरपुर संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव परिणाम आने पर वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे और चौथे स्थान पर रहे। जिन्हें कुल पड़े वोटों से सिर्फ 6.21 फीसदी मत ही प्राप्त हुए थे।

कांग्रेस ने बनाया था सुनील शास्त्री को प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की महोबा हमीरपुर संसदीय सीट पर सन् 1996 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री को प्रत्याशी बना कर मैदान में उतारा था। बुंदेलखंड के पिछड़े जिलों में शुमार महोबा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से पहली बार किसी प्रधानमंत्री के पुत्र के चुनाव लड़ने से सियासी हलचल जरूर तेज हुई लेकिन नतीजे बिल्कुल इसके उलट रहे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी रहे गंगा चरण राजपूत ने 34.66 फीसदी वोट पाकर विजयश्री हासिल की थी।

सुनील शास्त्री को मिले थे मात्र 6.21 फीसदी मत

1996 के लोकसभा चुनाव में महोबा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में 8 लाख 67 हजार 556 मतदाता थे। जिसमें भाजपा प्रत्याशी गंगा चरण राजपूत ने 1 लाख 73 हजार 228 मत पाकर भाजपा का परचम फहराया था।जिन्होंने कुल 34.66 फीसदी मत पाये थे। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजनारायण बुधौलिया उर्फ रज्जु महाराज रहे थे, जिनको एक लाख 5 हजार 228 मत हासिल हुए थे। वहीं तीसरे नम्बर पर 95 हजार 725 वोट पाकर बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य रहे थे। जबकि चौथे नंबर पर कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री रहे थे, जिन्हें 31 हजार 35 मत हासिल हुए थे। वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे।

क्षेत्रीय दलों के उभार से घटा कांग्रेस का जनाधार

उत्तर प्रदेश में 90 का दशक आते-आते कांग्रेस पार्टी का जनाधार कमजोर होता चला गया। प्रदेश के क्षेत्रीय दलों में सपा, बसपा के उभार ने कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी शुरू कर दी थी। उप्र में सपा और बसपा जैसे जैसे अपने पांव पसार रही थी, वैसे वैसे कांग्रेस पार्टी कमजोर होती जा रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र सुनील शास्त्री 1996 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद फिर कभी दोबारा महोबा हमीरपुर संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने के लिए नहीं आए।

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