नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारत के परमाणु हथियारों को खत्म करने के वादे वाले सीपीआई (एम) के मेनिफेस्टो को लेकर इंडिया ब्लॉक बीजेपी के निशाने पर आ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी पार्टी के परमाणु हथियारों को नष्ट करने के चुनावी वादे पर जमकर निशाना साधा था।
क्या बोलो पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा था कि विपक्षी गठबंधन में शामिल एक दल ने देश के खिलाफ खतरनाक ऐलान किया है। उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि भारत के परमाणु हथियार नष्ट कर देंगे और उन्हें दरिया में डुबो देंगे। भारत जैसा देश जिसके दोनों तरफ पड़ोसियों के पास परमाणु हथियार हो। क्या उस देश में परमाणु हथियार समाप्त करना ठीक होगा? क्या परमाणु हथियार समाप्त होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपके ये साथी किसके इशारे पर काम कर रहे हैं। ये कैसा गठबंधन है, जो भारत को शक्तिहीन करना चाहता है।
भाजपा नेता ने सीपीएम को घेरा
बीजेपी के वरिष्ठ नेता कविंद्र गुप्ता ने कहा कि सीपीएम चीन के इशारों पर काम करती है। चुनाव आयोग को सीपीएम के देशविरोधी व्यवहार पर संज्ञान लेना चाहिए। बीजेपी के महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां भारत को कमजोर करना चाहती हैं। लेकिन देश के लोग उन्हें अपने एजेंडे में कामयाब होने नहीं देंगे।
'परमाणु हथियारों को नष्ट करना संभव नहीं'
परमाणु हथियारों को नष्ट करने के सीपीएम के चुनावी वादे की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भी आलोचना की। जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ बयानबाजी के लिए विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि भारत एक सशक्त देश है और उसे इसे बरकरार रखने की जरूरत है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि परमाणु हथियारों को नष्ट करना संभव नहीं है। हम ऐसा नहीं कर सकते। हम इसका समर्थन नहीं करेंगे। अगर हमारे पड़ोसी देशों के पास परमाणु हथियार हैं तो हमारे पास भी होने चाहिए।
कांग्रेस ने विवाद से बनाई दूरी
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस ने दूरी बना ली है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इन सब बातों का जवाब सीपीआईएम ही देगी। इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस मामले पर कहा कि इसे गलत संदर्भ में लिया जा रहा है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी हमेशा अपने भाषणों में पाकिस्तान और चीन का जिक्र करते हैं। सीपीआईएम के बयान को गलत संदर्भ में लिया जा रहा है। पीएम तलवार बांटने की बात करते हैं।
क्यों हैं सीपीएम का मेनिफेस्टो विवादों के घेरे में?
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने अपने घोषणापत्र में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और नागरिकता संसोशधन अधिनियम (CAA) जैसे कानूनों को खत्म करने का वादा किया है। सीपीआईएम ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह सत्ता में आने पर भारत के परमाणु हथियारों को खत्म कर देगी। साथ ही मिलिट्री बेसों को समात्प कर देगी। उसने कई राज्यों द्वारा बनाए गए धर्मांतरण विरोधी कानूनों को रद्द करने का वादा भी अपने मेनिफेस्टो में किया है और ‘नई पेंशन योजना’ को समाप्त करने का भी वादा किया है।
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