थकान होने पर वाल्क करने जाना कॉफी की तुलना में अधिक प्रभावी होता है.
वाल्क करने से शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ जाता है.
जिससे शरीर में एनर्जी के लेवल बढ़ जाते है.
इसके लिए फास्ट वाल्क करने की जरूरत होती है.
साथ ही ज्यादा दूरी तय करना जरूरी होती है.
किसी चढ़ाई जैसे पहाड़ आदि पर चढ़ने से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है.
आपका वजन इसमें एक अहम फैक्टर है.
तेज चले और ज्यादा दूरी कवर करें जिससे पसीना निकले और कैलोरी बर्न हो.
इससे मानसिक हेल्थ में फायदा होता है.
रिसर्च के अनुसार, इससे घबराहट, डिप्रेशन और नकारात्मक मूड ठीक होते है.
वाल्क करने से आत्मविश्वास बेहतर होता है.
बेनेफिट्स का लाभ उठाने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज वाल्क करें.
तेज वाल्क हफ्ते में कम से कम तीन बार करें.
वाल्क करने से घुटने और हिप्स के जोड़ों में दर्द में आराम मिलता है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इससे घुटनों की मांसपेशियों को लूब्रिकेट और मजबूती मिलती है.
अर्थेराइटिस वाले रोगियों को वाल्क करने से लाभ मिलता है.
गठिया रोगियों को वाल्क करनी चाहिए.
रोजाना कम से कम 30 मिनट वाल्क करने और हफ्ते में 5 दिन वाल्क करना चाहिए.
इससे हार्ट रोगों का रिस्क कम हो जाता है.
साथ ही रोजाना अपनी वाल्क करने की दूरी को बढ़ाने से यह रिस्क अधिक कम हो जाता है.
वाल्क करने से सर्दी खांसी का रिस्क कम होता है.
अध्ययनों में देखने को मिला है कि वाल्क करने वाले लोगों में सर्दी खांसी की समस्या कम देखने को मिली है.
ठंडे मौसम में रहने वाले लोगों घर में ट्रेड मील आदि पर वाल्क कर लाभ उठा सकते है.