
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: कहते हैं रोने से व्यक्ति तनाव मुक्त रहता है। साथ ही यह चिंता को भी कम करता है। इसके साथ ही रोने से आप काफी हल्का महसूस करते हैं। लेकिन जब बात बच्चों की आती है तो बच्चे कई विभिन्न तरीके से रोते हैं। जो शायद आपको कभी-कभी काफी परेशान करता है। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं। जो हर छोटी-छोटी बातों पर रोने लगते हैं। अधिकतर बच्चे गुस्सा उदासी और डर से रोते हैं। वहीं कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो अपनी डिमांड के लिए रोते हैं लेकिन नवजात शिशु किस कारण रोते है। यह पता लगाने के लिए एक मां को काफी चुनौतीयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बेवजह नवजात बच्चा रो रहा है। तो उसे शांत करने के लिए कई भर्षक प्रयास किए जाते हैं। फिर भी बच्चा रोता ही रहता है। ऐसे में आप इन पांच तरीकों से बच्चे को शांत करा सकती हैं।
जन्म के बाद शिशु को बाहर के माहौल से तालमेल बिठा पाने में थोड़ा सा समय लगता है। कई बार बच्चा इसी वजह से रोने लगता है। शिशु को चुप कराने के लिए उसको लपेटकर सुलाना एक अच्छा उपाय माना गया है। किसी सूती कपड़े या चादर पर शिशु को अच्छे से लपेटकर सुलाना शुरू कर दें। क्योंकि उसे उस दौरान गर्भ के अंदर का एहसास होता हैऔर ऐसे में वह जल्दी रोना बंद कर देता है।
बच्चों को लगातार दोबारा होने वाली गतिविधियां पसंद होती हैं। जैसे एक तरह बार-बार हिलाना, गोद में झूलाना हवा में उछालना और खुले में झूलना आदि। अगर आपका बच्चा बेवजह रो रहा है। तो आप गोद में उठाकर उसे झूला झुलाएं। साथ ही उसे कम दूरी पर उछाल कर खिलाएं। ऐसे में बच्चा खिल उठेगा और खुश रहेगा तो तुरंत चुप हो जाएगा।
कई बार बच्चा को घर के अंदर के माहौल से ऊब जाता है। इसलिए कुछ देर के लिए उसे बाहर तो खुली हवा में घूमाना चाहिए। इससे उसके माहौल में बदलाव होता है। साथ ही वह इधर-उधर की चीज देखता है तो उसे बड़ी अटपटी लगती है। जिसके कारण वह रोना बंद कर देता है। और उसका मन बाहर की गतिविधियों में लगा रहता है । इसलिए बच्चों को बाहर पार्क पर ले जाएं या फिर छत पर लेकर उसे इधर-उधर घुमाएं। वह रोना बंद कर देगा।
बच्चों को मालिश करने से उसको काफी आराम मिलता है। जब बच्चा बैठना या घुटनों के बल चलना सीख रहा होता है। तो उसकी मांसपेशियों में दर्द होता है। मालिश करने के बाद बच्चे को हल्के गर्म पानी से नहलाने से उसकी मांसपेशियों में आराम मिलता है। बच्चे को नहलाने के बाद उसको थपकी देते रहें। कुछ देर बाद उसको नींद आ जाएगी और सो जायेगा तो चुप हो जाएगा।
कहते हैं शिशु जन्म के बाद से ही वो मां की आवाज को पहचान शुरू कर देता है। ऐसे में जब भी बच्चा आपका रोता हो तो आप उसे लोरी सुना लोरी सुनाएं। और खुद उसके साथ खेलें। इसके बाद उसे नींद आने लगेगी। जिसके कारण वह चुप हो जाएगा।