Health : फिजियोथेरेपी से दूर करें,बॉडी के सभी छोटे - बड़े दर्द, जानिए क्यों है जरूरी

अधिकांश लोग फिजियोथैरेपी को वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का महत्व नहीं देते। कुछ लोग इसके दायरे को मसाज तक सीमित कर देते हैं। लेकिन आज के समय में फिजियोथेरिपी काफी कारगर साबित हो रही है।
फिजियोथैरेपी
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नई दिल्ली रफ्तार न्यूज डेस्क: कई बार ऐसी सिचुएशन आ जाती है कि  छोटी बड़ी और गंभीर बीमारी में दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन काम नहीं करता। ऐसे में फिजियोथैरेपी सबसे महत्वपूर्ण साबित होती  है। चिकित्सा और सेहत दोनों के  क्षेत्र में यह तकनीक बहुत उपयोगी है।  पिछले कुछ एक दशक से यह तकनीक बहुत तेजी से उभर रही है। फिजियोथैरेपी में न्यूरोलॉजी, हड्डी हृदय ,बच्चों, वृद्धो की समस्याओं के क्षेत्र से जुड़े खास  ट्रीटमेंट को अंजाम दिया है। आमतौर पर फिजियोथैरेपिस्ट इलाज शुरू करने से पहले बीमारी का पूरा इतिहास देखते हैं। उसी के अनुसार आधुनिक इलेक्ट्रोथेरेपी और स्टिचिंग व व्यायाम की विधि करते हैं।  मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी मसाज सबसे उपयोगी माना गया है। साथी छोटे-छोटे दर्द फिजियोथेरेपी के द्वारा दूर की जा सकते हैं। 

नियमित  हो फिजियोथैरेपी :

हमने देखा है कि खेलते समय, दौड़ते समय या फिर  कुछ काम करते समय शरीर में खिंचाव और जकड़न हो जाती है।  इतना ही नहीं कभी-कभी छोटी-मोटी चोट भी लग जाती है। ऐसे में हम तुरंत डॉक्टर के पास भागते हैं। लेकिन आप फिजियोथैरेपी की मदद से छोटी-मोटी दर्द और खिंचाव को आसानी से ठीक कर सकते हैं। बशर्ते आपको यह फिजियोथैरेपी नियमित तौर पर रोजाना करनी होगी। आपकी इसके लिए किसी फिजियो एक्सपर्ट से परामर्श ले सकते है।

सांस लेने की समस्या को खत्म करता है :

फिजियोथैरेपी का दायरा सिर्फ मांसपेशियों, हड्डियों तक ही सीमित नहीं है।  इसकी सीमा में वह तांत्रिकाएं , कोशिकाएं भी आती हैं। जो हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करते हैं। जैसे अस्थमा या किसी भी तरह की सांस रोग रोगों के लिए कार्डियोस्कॉलर फिजियोथैरेपी इस तरह के मरीजों को सांस रोकने और छोड़ने वाले व्यायाम या गुब्बारे फुलाने जैसे अभ्यास के जरिए ठीक करती है। वास्तव में इसके जरिए कार्डिंकुलर फिजियोथैरेपी गर्दन  में छाती की मांसपेशियों के स्टिचिंग  आदि ठीक करती है। 

दर्द से  मिलता है आराम :

अगर आपको ऑस्टियोपोरोसिस या किसी प्रकार का फैक्चर हो गया है और उसके कारण बहुत दर्द हो रहा है तो आप फिजियोथैरेपी की मदद ले सकते हैं। थेरेपी दर्द के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। जिससे कम समय में दर्द खत्म हो जाता है। फिजियोथैरेपिस्ट कुछ व्यायाम करवाने के साथ-साथ विशेष प्रकार के जूते पहनने की भी सलाह देते है।  इसे पहनने के बाद मरीज आसानी से चल फिर सकता है। साथ ही फिजियो करने से पैर का स्ट्रेकचर सही रहता है।

कमर दर्द में आराम :

बैठने ,खड़े होने या चलने के खराब पोजिशन की वजह से  मांसपेशियों की खिंचाव आ जाता है। इतना ही नहीं अर्थराइटस की वजह से कमर और  पेट  का दर्द बढ़ जाता है।  ऐसे में इन सभी के  इलाज के लिए फिजियोथैरेपिस्ट से कुछ सामान्य तरीके आजमाए जाते हैं। जिसे एक्सपर्ट की देखरेख में करने से आराम मिलता है। साथ ही शरीर का वजन कम करता है। और  मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। 

पेल्विक डिसऑर्डर :

प्रेगनेंसी या किसी सर्जरी के बाद कई लोगों को पेल्विक यानी पेट के नीचे के हिस्से में दर्द होने लगता है। कुछ लोगों में इसमें ऐंठन  महसूस होने लगती है।  दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद सर्जरी के बाद यहां मांसपेशियां खिंच जाती हैं। पेल्विक फिजियो  के अलावा हाथ से जुड़ी समस्याओं को भी जड़ से ठीक करता है।   यही नहीं जो पेल्विक हमारी रीड की हड्डी और पेट में विभिन्न अंगों को सपोर्ट करती है फिजियोथैरेपिस्ट ट्रिगर प्वाइंट रिलीज तकनीक के इस्तेमाल से ठीक किया जाता है। 

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