यदि मल सख्त हो और रोज न आये तो उसे कब्ज़ कहेंगे। बहुत अधिक समय से इस समस्या के होने के कारण इसको पुराना कब्ज़ कहते हैं। इसमें मल बहुत सख्त हो जाता है तथा मल को बाहर करने के लिये जोर लगाना पड़ता है। मल को नर्म करने के लिये आवश्यक है कि उस में पानी की मात्रा अधिक हो। विभिन्न प्रकार के आसनों को नियमित रूप से करने पर हर प्रकार के कब्ज़ से राहत मिलती है।
कपालभाति - Kapalbhati :
अग्निसार क्रिया - Agnisar Kriya :
पवनमुक्तासन - Pawanmuktasana :
धनुरासन - Dhanurasana :
भुजंगासन - Bhujangasana :
नोट - कोई भी आसन तीन से चार बार कर सकते हैं। योग अपनी शक्ति और सार्मथ्य के हिसाब से ही करना चाहिए, जबरन नहीं। दो-तीन दिन में एक बार गुनगुने पानी का एनीमा अवश्य लें।