प्राण (साँस) पर नियन्त्रण ही प्राणायाम है। जब प्राण एक बार किसी के वश में हो जाता है, वह स्वेच्छानुसार सुदीर्घ जीवन, दृढ़ संकल्प, शान्ति तथा आनन्द की प्राप्ति कर सकता है। पद्मासन ही एक ऐसा श्रेष्ठ आसन है, जिसमें प्राणायाम किया जाता है।
कुम्भक भी तीन भागों में किया गया हैं:-