
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: दिमाग में अधिक जोर, मानसिक तनाव और बेवजह चिंता मस्तिष्क में कई बड़ी बीमारियों को जन्म दे रही है। उन्ही में से एक है ब्रेन ट्यूमर। आज के समय में सिर में हो रहे लगातार दर्द को लोग आम दर्द समझकर पेनकिलर खाकर नजरंदाज कर देते है। फिर यही दर्द एक दिन हमें चैन से नहीं बैठने देता। क्योंकि नजरंदाज किया गया दर्द अंदर अंदर एक बड़ी और जानलेवा बीमारी को जन्म दे रहा था। जो जांच के बाद ब्रेन ट्यूमर जैसी घातक बीमारी की पुष्टि करता है। आज के समय में ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर समस्या बन गई है। ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण कई बार ज्यादा परेशान नहीं करते लेकिन कुछ लोगों में इसके लक्षण तेजी से दिखाई देते है। तो आइए जानते है कि ब्रेन ट्यूमर क्या है और कैसे होता है।
क्या होता है ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन ट्यूमर को मुख्यता दो भागों में बांटा गया है। पहला वो जिसमे ट्यूमर आपके मस्तिष्क में उत्पन्न होता है। इससे मस्तिष्क के अन्य हिस्से क्षति ग्रस्त हो सकते है। वहीं दूसरे ब्रेन ट्यूमर को मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहते है। इसमें कैंसर कोशिकाएं फेफड़े और स्तन जैसे अन्य नाजुक अंगों को प्रभावित करती है। इस प्रकार से कैंसर के विकसित होने का जोखिम और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर बीमारी के 5 से 10% मामले जेनेटिक भी हो सकते है। जैसे हमारे दादा, परदादा और पिता से ये जेनेटिक गुण आने वाली संतान में भी देखे जा सकते है।
क्यों होता है ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन ट्यूमर तभी होता है। जब मनुष्य के मस्तिष्क में या उसके आसपास की कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन होने लगता है। हालांकि अभी इसकी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है कि आखिर किन कारणों से यह परिवर्तन होता है। कुछ जोखिम कारण ऐसे होते है जो ब्रेन ट्यूमर को तेजी से बढ़ाने में मदद करते है। जैसे किसी प्रकार के रासायनिक , या केमिकल का संपर्क इसे अधिक जोखिम बना देता है। इसी प्रकार जो लोग ज्यादा रेडियेशन के संपर्क में रहते है। उनमें भी ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बना रहता है। अधिक तनाव , चिंता या फिर चोट भी इसका मुख्य कारण है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण स्थान और आकार पर निर्भर करते हैं। ब्रेन ट्यूमर के लक्षण जैसे सिर में लगातार दर्द रहना, चलने फिरने में दर्द के साथ चक्कर आना, उल्टी आना, आंखो की रौशनी कम होना। धुंधला दिखाई देना, कोई वस्तु दो बार दिखाई देना, हाथ पैरों में झुनझुनी होना। यहां तक कि बोलने और सुनने में परेशानी होना, स्मेल को सूंघने में दिक्कत होना जैसे लक्षण ब्रेन ट्यूमर मरीज में देखे जाते है।
ब्रेन ट्यूमर का उपचार
ब्रेन ट्यूमर का पता सिटी स्कैन मशीन द्वारा लगाया जाता है। इसके सही इलाज से पहले इमेजिंग टेस्ट किए जाते है। रेडियो सिग्नल की मदद से ब्रेन की सरंचना से संबंधित पूरी जानकारी ली जाती है। जो जानकारी सिटी स्कैन के जरिए नहीं मिलती उसे एंजियोग्राफी के जरिए प्राप्त की जाती है। ब्रेन ट्यूमर को रोकने का कोई साधारण उपाय नहीं है इसे खत्म करने के लिए दवाई और ऑपरेशन का सहारा लिया जाता है।