गंभीर अल्सर - Serious Ulcer (Peptic Ulcer) in Hindi

गंभीर अल्सर - Serious Ulcer (Peptic Ulcer) in Hindi

अल्सर के बारे में - About Serious Ulcer (Peptic Ulcer) in Hindi

पेट या छोटी आंतों में होने वाले अल्सर को पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) के रूप में जाना जाता है। पेट के पेप्टिक अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर भी कहते हैं। अल्सर आहार और तनाव या फिर पेट में अम्ल (acid) की अतिरिक्त मात्रा जमा होने से होता है। आमाशय का अल्सर पेट के अल्सर से ज्यादा कॉमन बीमारी है। पेप्टिक अल्सर आमाशय और पेट के बीच की पतली सुरक्षा दीवार में घाव के बाद छेद हो जाने से होता है। लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स, दर्द और स्टेरॉयड की दवा खाने के अलावा शराब के सेवन से पेट और आमाशय का अल्सर होता है। पेट में एसिड और एंजाइम के बनने से छोटी आंत के उपर आमाशय के पास छेद या घाव हो जाता है जिसे अल्सर कहते हैं।

अधिकांशतः यह हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (helicobacter pylori) नाम के एक जीवाणु के संक्रमण से होता है। कुछ लोगों में अल्सर के लक्षण आसानी से जबकि दूसरों में ये जल्दी नहीं दिखाई पड़ते हैं। कभी-कभी अल्सर उन्हें भी हो जाता है, जिन्होंने इसके किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं किया है।

अल्सर के लक्षण - Symptoms for Serious Ulcer (Peptic Ulcer) in Hindi

  • अगर अल्सर का इलाज सही समय पर नहीं होता है तो अक्सर आंतरिक रक्तस्राव और अन्य समस्यायें पैदा होने लगती है।
  • उल्टी, खासकर अगर इसके साथ खून आता हो, तो यह अल्सर की काफी विकसित दशा का एक संकेत हो सकता है।
  • गहरी रंगत का, तारकोल की तरह या गोंद जैसा मल भी गंभीर अल्सर का संकेत हो सकता है।
  • मल में खून।
  • अगर पेट का दर्द अल्सर के कारण हो रहा है, तो रात में और जब भी आप भूखे हों, यह अचानक तीव्र हो सकता है।
  • खाना खाने के दो घंटे बाद भूख महसूस करना।
  • गैस और डकार में वृद्धि।
  • थकावट का अहसास होना।
  • पेट भरा हुआ महसूस होना, और ढेर सारा तरल पदार्थ पी पाने में असमर्थता।
  • भूख में कमी।
  • वजन घटना।
  • सीने की हड्डियों और पेट की नाभि के बीच किसी भी स्थान पर दर्द।
  • हल्की मतली (nausea), जो सुबह जागने पर सबसे आम होती है।

अल्सर के कारण - Serious Ulcer (Peptic Ulcer) Causes in Hindi

कोई भी एक खास कारण नहीं होता है जो अल्सर के लिए उत्तरदायी होता है। बहुत सारे कारण के प्रभाव से अल्सर पैदा होता है। लेकिन यह स्पष्ट है कि पेट और आमाशय के बाच एंजाइम और पाचक रस के असंतुलन से जो एसिड बनता है उसी से अल्सर बनता है।

आम तौर पर अधिकांश अल्सर H. Pylori बैक्टेरिया के संक्रमण से ही होता है। यह बैक्टेरिया पेट और छोटी आंत के बीच जो सुरक्षा दीवार होती है, वहीं रहता है। आमतौर पर यह कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। लेकिन इसके संक्रमण से कभी-कभी पेट के अंदरुनी सतह और आंत में सूजन हो जाती है जो बाद में अल्सर का रुप धारण कर लेता है।

पेन किलर्स और एंटी इंफ्लामेट्री दवा के लगातार सेवन से छोटी आंत और पेट के बीच की सुरक्षा दीवार में सूजन और छेद हो जाता है जिससे अल्सर होने की संभावना रहती है।

और भी हैं कई वजह - Other Reason for Serious Ulcer (Peptic Ulcer) in Hindi

  • शराब और धूम्रपान का ज्यादा सेवन
  • किसी गंभीर बीमारी की वजह से
  • रेडिएशन थेरेपी की वजह से

किसे हो सकता है अल्सर - Whom May be More Prone to Ulcer

पेट के अल्सर के ढेर सारे कारण होने पर भी जिन लोगों में इसके विकसित होने का अधिक खतरा होता है, वे हैं:

  • एच पाइलोरी बैक्टीरिया से संक्रमित लोग।
  • नियमित रूप से ड्रग्स या सुई से दवाओं का सेवन करने वाले लोग।
  • अल्सर के पारिवारिक इतिहास वाले लोग।
  • नियमित रूप से शराब पीने वाले लोग।
  • लीवर, गुर्दे, या फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों वाले लोग।
  • 50 साल से अधिक उम्र के लोग।

अल्सर का इलाज - Serious Ulcer (Peptic Ulcer) Treatment in Hindi

  • अधिकांश अल्सर के घाव स्वयं ही भर जाते हैं, लेकिन कुछ गंभीर अल्सरों की पहचान और उनका इलाज इन्डोस्कोप के जरिये ही हो सकता है। इन्डोस्कोप एक छोटी सी प्रकाश युक्त नली होती है, जिसे आपकी भोजन-नली (esophagus) से अन्दर डाला जाता है।
  • कभी-कभी लक्षणों में सुधार का पता लगाने के लिए डॉक्टर एंटासिड दवा (Antacid) देते हैं क्योंकि पेट का अल्सर कई बार पेट और duodenum के पाचक द्रवों के बीच असंतुलन के कारण भी हो सकता है।
  • धूम्रपान, शराब और दर्द की दवा लेना बंद कर दीजिए। धूम्रपान और शराब दोनों ही पाचक द्रव में असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जबकि ज्यादा मात्रा में ली गई दर्द और सूजन की दवा पाचक रस के संतुलन को बाधित कर सकती है।
  • दूध पीना अस्थायी राहत दे सकता है, लेकिन यह एक कदम आगे और दो कदम पीछे जाने की तरह हो सकता है। दूध थोड़ी देर के लिए आपके पेट की अंदरूनी दीवार पर एक अस्तर बनाता है। लेकिन दूध पेट में अधिक एसिड बनने के लिए एक उद्दीपन भी होता है, जो आखिरकार अल्सर को और बढ़ा देगा।
  • पोहा और सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लीजिए, 20 ग्राम चूर्ण को 2 लीटर पानी में सुबह घोलकर रखिए, इसे रात तक पूरा पी जाएं। अल्‍सर में आराम मिलेगा।
  • पत्ता गोभी और गाजर को बराबर मात्रा में लेकर जूस बना लीजिए, इस जूस को सुबह-शाम एक-एक कप पीने से पेप्टिक अल्सर के मरीजों को आराम मिलता है।
  • अल्‍सर के मरीजों के लिए गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।
  • अल्‍सर के मरीजों को बादाम का सेवन करना चाहिए, बादाम पीसकर इसका दूध बना लीजिए, इसे सुबह-शाम पीने से अल्‍सर ठीक हो जाता है।
  • सहजन के पत्‍ते को पीसकर दही के साथ पेस्ट बनाकर लें। इस पेस्‍ट का सेवन दिन में एक बार करने से अल्‍सर में फायदा होता है।

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