टाइफाइड या आंत जवर एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में रोगी को तेज बुखार के साथ उलटी और दस्त आदि की समस्या होती है। टाइफाइड (Typhoid) एक जानलेवा बीमारी मानी जाती है। आइएं जानें इसके विषय में अधिक जानकारी।
टाइफाइड बुखार के बारे में - About Typhoid in Hindi
टाइफाइड, सल्मोनेला नामक बैक्टीरिया से होने वाला एक संक्रामक रोग है। सल्मोनेला बैक्टीरिया प्रदूषित पेय व खाद्य पदार्थों के सेवन से आंतों में जाकर वहां से रक्त में पहुंच जाता है। बच्चों को वयस्कों की तुलना में टाइफाइड होने की अधिक संभावना होती है।
टाइफाइड बुखार कैसे फैलता है? - Typhoid Fever Transmission
- टाइफाइड सबसे अधिक मुंह के जरिये खाने-पीने की ऐसी प्रदूषित वस्तुओं से फैलता है, जिसमें साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु मौजूद हो। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया केवल मानव में छोटी आंत में पाए जाते हैं।
- इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति जब खुले में मल त्याग करता है, तो ये बैक्टीरिया वहाँ से पानी में मिल सकते हैं, मक्खियों द्वारा इन्हें खाद्य पदार्थों पर छोड़ा जा सकता है और ये स्वस्थ व्यक्ति को रोग का शिकार बना देते हैं।
- कई व्यक्ति ऐसे होते हैं, जिनके पेट में ये बैक्टीरिया होते हैं और उन्हें हानि नहीं पहुँचाते, बल्कि बैक्टीरिया फैलाकर दूसरों को रोग का शिकार बनाते हैं। ये लोग अनजाने में ही बैक्टीरिया के वाहक बन जाते हैं।
टाइफाइड बुखार के लक्षण - Typhoid Symptoms in Hindi
- कब्ज या दस्त होना
- कभी-कभी शौच में खून का आना
- बुखार शुरू में हल्का, पर धीरे-धीरे तेज होता जाता है
- भूख कम लगना और उल्टियां आना
- रोग की गंभीर स्थिति में बेहोशी भी आ सकती है
- सिर-दर्द और बदन-दर्द
- सूखी खांसी आना और पेट में दर्द
टाइफाइड बुखार के कारण - Typhoid Causes in Hindi
माना जाता है कि टाइफाइड अधिकातर गंदगी के कारण फैलता है। शौच के बाद संक्रमित व्यक्ति द्वारा हाथ ठीक से न धोना और भोजन बनाना या भोजन को छूना भी रोग फैला सकता है। कुछ अन्य कारण निम्न हैं:
- उन क्षेत्रों में काम करना या यात्रा करना जहां यह बीमारी है।
- गलत जीवन-शैली के कारण शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र का कमजोर होना।
- पीने के पानी का जीवाणु से प्रदूषित होना।
- शौच के बाद साफ-सफाई का ध्यान ना रखना।
टाइफाइड बुखार का इलाज - Typhoid Treatment in Hindi
- डॉक्टर के परामर्श से ब्लड टेस्ट के बाद ही डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही चिकित्सा कराएं।
- टाइफाइड की दवा को बीच में न छोड़ें। बुखार में पेरासीटामोल का इस्तेमाल करें।
- रोगी के शरीर में पानी की कमी न होने पाए, इसके लिए रोगी को पानी और अन्य तरल पदार्थ पर्याप्त मात्रा में दें।
- रोगी के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।