Child Care: बच्चे भूल रहे छोटी छोटी बातें, कहीं उन्हे चाइल्ड अल्जाइमर की शिकायत तो नहीं, तुरंत कराएं इलाज

Child Care: अल्जाइमर शब्द सुन कर  ही लोगों को लगता है कि यह बीमारी सिर्फ बड़ों को ही होती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: बहुत से लोगों को लगता है कि अल्जाइमर की बीमारी सिर्फ बड़े और बुजुर्ग लोगों को ही होती है। लेकिन ऐसा नहीं है आजकल युवाओं और बच्चों में भी यह बीमारी तेजी से देखी जा रही है। बच्चों और बड़ों में होने वाली बीमारी नियमन पीक  डिजीज टाइप सी (NPC)  का  निकनेम चाइल्डहुड अल्जाइमर है।  इसमें एनपीसी के मरीजों के दौरे पड़ने लगते हैं। इसके अलावा बोलने ,खाने निगलने आदि में  परेशानी महसूस होने लगती है।  इस बीमारी में बच्चे चीजें भूलने लगते है। इसका मुख्य कारण है कि  वह अधिक गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। जो दिमाग की क्षमता को लगातार कमजोर कर रहा है। यह अल्जाइमर सुनने और समझने की क्षमता को कम कर देता है। अगर आपके बच्चों में है अल्जाइमर तो आप ऐसी चार चीज अपनाकर अपने बच्चों को इस चपेट से बचा सकते हैं।

चाइल्डहुड ,अल्जाइमर के अहम कारण

चाइल्डहुड अल्जाइमर के दो अहम कारण है।  एनपीपी और एमपीएस 3, अगर आपके बच्चे को एनपीसी जैसी बीमारी है।एनपीसी क्या होता है, अगर आपके बच्चे को एनपीसी जैसी बीमारी है। तो उसको युवावस्था में हल्के लक्षण दिखाई देने पड़ते हैं इससे उसके शारीरिक जीवन को अस्थाई खतरा भी होना शुरू हो जाता है।  इसके कुछ लक्षणों के बारे में जानते हैं जो ऐसे दिखते हैं।  इससे बच्चे का  किसी भी चीजों में ध्यान नहीं लगता,  कोई भी चीज  याद  नहीं रख पाता,  दिमागी रूप से धीमे रहता है।  और जल्दी-जल्दी समझना मुश्किल होता है। साथ ही  किसी भी चीज में एकाग्रता का मन नहीं लगता  जैसे लक्षण नजर आते हैं। जो काफी घातक होते है।एमपीएस 3 के लक्षण बच्चों के अंदर जन्म के समय नहीं दिखते लेकिन बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है।  वैसे-वैसे इसके लक्षण दिखाई  समझ में आने लगते हैं।  इन बच्चों में दिमाग से जुड़ी गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं  अगर बच्चे को कान में इन्फेक्शन,  कम दिखाई देना और थोड़ा कम सुनाई देना जैसी दिक्कतें आती हैं  तो यह एनपीएस 3 के लक्षण होते हैं।  एमपीएस 3 के ज्यादा गंभीर होने पर 10 वर्ष की उम्र के बाद बच्चे चल भी नहीं पाते हैं। 

बॉडी पार्ट्स भी अच्छे से काम करते हैं

ऐसे रखे बच्चों का ख्याल चाइल्ड अल्जाइमर होने पर बच्चों का इन तरीकों से ख्याल रख सकते हैं। खानपान का एकदम सही होना किसी भी बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है। खानपान का एकदम सही होना , ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि हेल्दी और अच्छे खाने का असर सबसे ज्यादा पड़ता है। हेल्दी खाना से हमारे बॉडी पार्ट्स भी अच्छे से काम करते हैं।  अपने बच्चों को इस बीमारी से बचने के लिए ध्यान दें कि उसके डाइट में ज्यादातर हरी सब्जियां साबुत चैन अनाज ड्राई फ्रूट्स आदि शामिल हो इन सारी चीजों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो दिमाग की सेल्स को डैमेज होने से बचते हैं।

बच्चा डिप्रेशन में भी जा सकता है

बच्चों को अकेला ना छोड़े अकेला होने से आपका बच्चा डिप्रेशन में भी जा सकता है। इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप अपने बच्चों को कभी भी अकेला ना छोड़ो अकेलेपन से दिमाग में कई तरह की चीजें उपजने  लगते हैं। जिससे बच्चा घबराने लगता है। और तरह-तरह के निगेटिव विचार आने लगते हैं। इसलिए बच्चों को खुद से दूर न रखें। रोजाना बच्चों को वॉक कराएं दिन में थोड़ा समय निकालकर अपने बच्चों को वॉक पर जरूर ले जाएं।  अगर संभव हो सके तो रोजाना सुबह और शाम को ही वॉक करें । इससे शरीर चुस्त और दुरुस्त रहता है। और पॉजिटिव थिंकिंग आती है। अपने बच्चों को योगा करना भी सिखाए। 

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