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अस्थमा के मरीज दिवाली के प्रदूषण से इन पांच तरीको से करें खुद का बचाव, रहेंगे स्वस्थ

प्रदूषित वातावरण में सांस लेने से अस्थमा  रोगियों को परेशानी  पैदा होने लगती है। पटाखों से  अस्थमा रोगी को दूरी बनानी चाहिए।  

नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: दिवाली खुशियां देने वाला त्यौहार है। इसलिए ये त्यौहार  सबको आकर्षित करता है।  लेकिन इस मौके पर होने  पटाखों से निकलने वाला प्रदूषण सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है। जिन लोगों को  अस्थमा होता है।  उनके लिए तो प्रदूषण जहर के समान होता है।  कानून और सरकार पटाखे ना जलाने की सलाह देते रहते है। लेकिन लोग किसी न किसी तरह से पटाखे जलाते जरूर हैं।  इसलिए अस्थमा रोगियों को खुद  ऐसे कदम उठाना चाहिए।  जिससे उनको दिक्कत ना पड़े। क्योंकि जरा सी लापरवाही मरीज की सांस की समस्या बढ़ा सकती है।  और अधिक प्रदूषण उनकी जान भी ले सकती है।  ऐसे में अस्थमा रोगी दिवाली में खुद को इन पांच तरीकों से बचा सकते है।

मास्क का करें इस्तेमाल

दीपावली के आसपास घर के बाहर निकलते समय आपके चेहरे पर मांस लगाना चाहिए।  ऐसा करने पर आप वातावरण में मौजूद धूल मिट्टी के साथ पटाखों से निकलने वाले प्रदूषण से भी सुरक्षित रहेंगे।

खुद को हाइड्रेट रखें

प्रदूषण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हाइड्रेट रहना जरूरी है। दरअसल पानी पीने की वजह से रेस्पिरेटरी फंक्शन बेहतर होता है। इसलिए अस्थमा के मरीजों को प्रदूषण से बचने के लिए खुद हाइड्रेड रखना जरूरी होता है। कोशिश करें कि आप नियमित रूप से पानी पीते रहे। साथ ही अस्थमा रोगी को  स्लाइन नैजल स्प्रे का उपयोग  करना चाहिए। 

ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें

अस्थमा के मरीजों को धुएं काफी दिक्कत हो सकती है।  क्योंकि उनकी सांस  पहले से ही बहुत कमजोर हो होती है। प्रदूषण के बाद तो सांस में और तकलीफ बढ़ जाती है। क्योंकि धुंआ गले में जाते ही सांस को रोकने लगता है।  ऐसे में उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना चाहिए। इसके लिए आप खाली कमरे में बैठकर गहरी सांस लें।  और धीरे-धीरे साथ छोड़े ऐसा करने से एंजायटी भी कम होती है। 

एयर प्यूरीफायर चलाएं

दिवाली के समय घरों  में बहुत ज्यादा प्रदूषण हो जाता है। ऐसे में लोग घर की खिड़की दरवाजे खोलकर रखते हैं। फिर यही प्रदूषण घर के अंदर का धुआं आ जाता है। जिससे अस्थमा मरीज की परेशानी बढ़ने लगती है। ऐसे में आप घर में एयर प्यूरीफायर का यूज कर सकते हैं। अगर आपके घर में यह नहीं है तो आप खिड़की दरवाजों को बंद रखें। उन्हें किसी भी हालत में ना खोले और धुएं को बाहर ही रहने दें।

किसी साफ जगह पर बैठ जाएं

अगर अचानक आपके आसपास एयर क्वालिटी बहुत खराब हो गई हो तो तुरंत ऐसी जगह पर चले जाएं। जहां वातावरण शांत हो। वहां  जाकर खड़े हो जाए। थोड़ी देर में आप रिलैक्स महसूस करेंगे। और आपको सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

समरी

* अस्थमा के मरीज  दिवाली के प्रदूषण से इन पांच तरीको से करें खुद का बचाव, रहेंगे स्वस्थ

*प्रदूषित वातावरण में सांस लेने से अस्थमा  रोगियों को परेशानी  पैदा होने लगती है। पटाखों से  अस्थमा रोगी को दूरी बनानी चाहिए।  

*दिवाली खुशियां देने वाला त्यौहार है। इसलिए ये त्यौहार  सबको आकर्षित करता है।  लेकिन इस मौके पर होने  पटाखों से निकलने वाला प्रदूषण सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है। जिन लोगों को  अस्थमा होता है।  उनके लिए तो प्रदूषण जहर के समान होता है। 

*  कानून और सरकार पटाखे ना जलाने की सलाह देते रहते है। लेकिन लोग किसी न किसी तरह से पटाखे जलाते जरूर हैं।  इसलिए अस्थमा रोगियों को खुद  ऐसे कदम उठाना चाहिए। 

*  जिससे उनको दिक्कत ना पड़े। क्योंकि जरा सी लापरवाही मरीज की सांस की समस्या बढ़ा सकती है।  और अधिक प्रदूषण उनकी जान भी ले सकती है।  ऐसे में अस्थमा रोगी दिवाली में खुद को इन पांच तरीकों से बचा सकते है।

* दीपावली के आसपास घर के बाहर निकलते समय आपके चेहरे पर मांस लगाना चाहिए।  ऐसा करने पर आप वातावरण में मौजूद धूल मिट्टी के साथ पटाखों से निकलने वाले प्रदूषण से भी सुरक्षित रहेंगे।

*प्रदूषण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हाइड्रेट रहना जरूरी है। दरअसल पानी पीने की वजह से रेस्पिरेटरी फंक्शन बेहतर होता है।

*  इसलिए अस्थमा के मरीजों को प्रदूषण से बचने के लिए खुद हाइड्रेड रखना जरूरी होता है। कोशिश करें कि आप नियमित रूप से पानी पीते रहे। साथ ही अस्थमा रोगी को  स्लाइन नैजल स्प्रे का उपयोग  करना चाहिए। 

*अस्थमा के मरीजों को धुएं काफी दिक्कत हो सकती है।  क्योंकि उनकी सांस  पहले से ही बहुत कमजोर हो होती है। प्रदूषण के बाद तो सांस में और तकलीफ बढ़ जाती है।

*  क्योंकि धुंआ गले में जाते ही सांस को रोकने लगता है।  ऐसे में उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना चाहिए। इसके लिए आप खाली कमरे में बैठकर गहरी सांस लें।  और धीरे-धीरे साथ छोड़े ऐसा करने से एंजायटी भी कम होती है। 

*दिवाली के समय घरों  में बहुत ज्यादा प्रदूषण हो जाता है। ऐसे में लोग घर की खिड़की दरवाजे खोलकर रखते हैं। फिर यही प्रदूषण घर के अंदर का धुआं आ जाता है। जिससे अस्थमा मरीज की परेशानी बढ़ने लगती है।

*  ऐसे में आप घर में एयर प्यूरीफायर का यूज कर सकते हैं। अगर आपके घर में यह नहीं है तो आप खिड़की दरवाजों को बंद रखें। उन्हें किसी भी हालत में ना खोले और धुएं को बाहर ही रहने दें।

* अगर अचानक आपके आसपास एयर क्वालिटी बहुत खराब हो गई हो तो तुरंत ऐसी जगह पर चले जाएं। जहां वातावरण शांत हो। वहां  जाकर खड़े हो जाए। थोड़ी देर में आप रिलैक्स महसूस करेंगे। और आपको सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

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