MP Election: कांग्रेस छोड़कर भाजपा मे हुए शामिल, होशंगाबाद से बने सांसद; जानें कौन है उदय प्रताप सिंह?

Madhya Pradesh News: क्या मप्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी से विधायक का चुनाव टिकट पाने वाले सांसद उदय प्रताप सिंह दिखा पाएंगे अपना कमाल? जानें उनका पूरा राजनीतिक सफर...
Shri Uday Pratap Singh
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मध्य प्रदेश, रफ्तार डेस्क। उदय प्रताप सिंह सुर्ख़ियों में उस समय आयें, जब उन्होंने होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से 2013 में सांसद पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस पार्टी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। उन्होंने 2014 में बीजेपी में शामिल होकर होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। 2019 में भी उन्होंने होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। बीजेपी ने उनके राजनीतिक ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, उन्हें नरसिंहपुर जिला के गाडरवारा से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है।

प्रोफाइल पर एक नजर

नाम :- उदय प्रताप सिंह

जन्म :- 9 जून 1964

जन्म स्थान :- लोलारी, नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश

शिक्षा :- बी.कॉम

राजनीतिक यात्रा की शुरुआत :- उन्होंने अपनी राजनीति में आने का अभ्यास 1978 से 1979 के बीच जबलपुर कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष के पद के रूप में शुरू किया था।

उनके जन्म, शिक्षा और परिवार का विवरण

उदय प्रताप सिंह का जन्म 9 जून 1964 को लोलारी, नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री लक्ष्मी नारायण सिंह और माता का नाम श्रीमती हेमलता देवी था। उदय सिंह ने मध्य प्रदेश में सागर यूनिवर्सिटी से अपनी बी.कॉम की पढाई पूरी की थी। उनकी पत्नी का नाम मंजू राव है, उनसे उनके दो बच्चे हैं।

उनकी राजनीतिक यात्रा

वे वर्तमान में सलाहकार समिति, रेल मंत्रालय के सदस्य हैं। वह 11 दिसंबर 2019 से व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर संयुक्त समिति के सदस्य का कार्यभार संभाल रहे हैं। 13 सितंबर 2019 से रसायन और उर्वरक संबंधी स्थायी समिति के सदस्य का कार्यभार और 24 जुलाई 2019 से सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य का कार्यभार संभाल रहे हैं।

वे मई 2019 को 17वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल) हुए और लोकसभा सांसद बने। इसी वर्ष इन्हे सलाहकार समिति, विद्युत मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सदस्य का कार्यभार सौपा गया था। 01 सितंबर 2018-25 मई 2019 तक रेलवे संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष का पदभार संभाला। 1 सितंबर 2014 - 25 मई 2019 तक पटल पर रखे गए पत्रों संबंधी समिति के सदस्य का पदभार संभाला।

वे मई 2014 को 16वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल) हुए और लोकसभा सांसद बने। 29 जून 2013 - 18 मई 2014 तक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य का कार्यभार संभाला। 10 दिसंबर 2013 को 15वीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। 31 दिसंबर 2012-18 मई 2014 तक निजी सदस्य विधेयक और संकल्प समिति के सदस्य का पदभार संभाला।

उन्होंने 31 अगस्त 2012-18 मई 2014 तक कोयला एवं इस्पात समिति के सदस्य का कार्यभार संभाला। 7 अक्टूबर 2009-6 अक्टूबर 2012 तक संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना संबंधी समिति के सदस्य का कार्यभार संभाला। 23 सितम्बर 2009 को ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बने। 31 अगस्त 2009 - 30 अगस्त 2012 तक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर स्थायी समिति के सदस्य का कार्यभार संभाला।

वे मई 2009 को 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए और लोकसभा सांसद बने। वह 2008 - 2009 तक मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य(विधायक) रहे। 1994 - 2000 तक जनपद समिति के अध्यक्ष रहे।

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