MP Election: शिवराज की शान बढ़ाएंगी लाडली बहना!, उनके ये चुनावी मास्टर स्ट्रोक कितना कारगर साबित होंगे?

CM Shivraj Masterstroke:मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर एग्जिट पोल ने गहमागहमी और बढ़ा दी है। भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपने स्तर पर हार-जीत की समीक्षा में जुटे हैं।
शिवराज सिंह चौहान।
शिवराज सिंह चौहान। रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर एग्जिट पोल ने गहमागहमी और बढ़ा दी है। भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपने स्तर पर हार-जीत की समीक्षा में जुटे हैं। दोनों पार्टियों ने चुनाव के मद्देनजर पिछले दो साल से बंपर योजनाओं का ऐलान किया है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणाएं कितना कारगर होंगी, उस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। दरअसल, शिवराज को कोर वोट बैंक महिलाएं हैं। इनके लिए मुख्यमंत्री ने लाडली बहना योजना भी शुरू की। इसके अलावा महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया है।

शिवराज के प्रमुख दांव

शिवराज सरकार ने सरकारी नौकरी की तमन्ना रखने वाली महिलाओं को 35% आरक्षण दिया है। अब सीधी भर्ती के पदों पर महिलाओं को 35% आरक्षण मिलेगा। इसके लिए मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्त के लिए विशेष उपबंध) नियम 1997 में संशोधन किया गया है। लाडली बहना योजना बाद शिवराज सरकार का यह बड़ा कदम है। शिक्षक भर्ती में 50% पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। वन विभाग को छोड़कर यह सभी विभागों के पदों पर लागू होगा। पुलिस भर्ती में 30% आरक्षण दिया जा रहा है। अन्य पदों पर 33% के हिसाब से आरक्षण दिया जा रहा। यह आरक्षण समस्तर और प्रभागवार दिया जा रहा। यानी जिस संवर्ग में जितने पद आरक्षित होंगे, उनमें महिलाओं के लिए निर्धारित संख्या में पदों का आरक्षण रहेगा। बता दें प्रदेश में दो करोड़ 62 लाख महिला मतदाता हैं।

लाडली बहना योजना की रकम बढ़ाई

विधानसभा चुनावों से पहले शिवराज सरकार ने महिलाओं को लुभाने के लिए कसर नहीं छोड़ी हैं। अपने पक्ष में माहौल बनाने अपने जन्मदिवस पर शिवराज सिंह ने लाडली बहना स्कीम लांच की थी। इसमें प्रति माह एक हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपए देने का वादा भी कर दिया। वर्तमान में 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। इसका सीधे तौर पर एक करोड़ 31 लाख से अधिक हितग्राही महिलाओं को लाभ मिल रहा हैं। वहीं, जो परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना के से वंचित महिलाओं के लिए लाड़ली बहना आवास योजना भी लागू कीहै। इससे साढ़े चार लाख महिलाओं को लाभ मिलने का अनुमान हैं। 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देने की योजना भी लागू की गई है।

पांढुर्णा को जिला घोषित किया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्णा को जिला (New District Pandhurna) बनाया है। अब प्रदेश का 55वां जिला पांढुर्णा है। सरकार के इस फैसले से छिंदवाड़ा (Chhindwara) जिले का परिदृश्य, सामान्य ज्ञान और सियासी भूगोल तीनों बदला है। सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार, नए पांढुर्णा में पांढुर्णा और सौंसर तहसील के 137 पटवारी हल्के शामिल किए गए। इनमें पांढुर्णा के 74 और सौंसर तहसील के 63 पटवारी हल्के शामिल हैं। नए पांढुर्णा जिले का मुख्यालय “पांढुर्णा” होगा. जिले के गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई है जिस के बाद आज यहां कलेक्टर और एसपी की पदस्थापना होगी। जिले में दो विधानसभा क्षेत्र सौंसर और पांढुर्णा होंगे। पांढुर्णा के जिला बनने से अब छिंदवाड़ा नहीं, बल्कि पांढुर्णा प्रदेश का वह जिला होगा, जो महाराष्ट्र बॉर्डर से लगा हुआ होगा।

आदिवासियों के लिए लाया पेसा कानून

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेसा कानून का मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। 15 नवंबर से 'मध्य प्रदेश पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम (पेसा )' के नए नियम लागू हैं। इस कानून को लागू कराने का सपना दिखाकर ही प्रदेश में जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जैसे संगठन आदिवासी क्षेत्रों में जमीनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। 2018 में विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक के करवट बदलने के चलते भाजपा के हाथों से सत्ता फिसल गई थी। 2013 में भाजपा के पास 31 आदिवासी सीटें थीं, लेकिन 2018 में 16 बचीं। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में आदिवासियों के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं। लगभग 30 सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासी वोट बैंक हार-जीत का फैसला करता है।

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