Assembly Election: छत्तीसगढ़ में 68 और मप्र में 71 प्रतिशत हुआ मतदान, केवल 5 मतदाता के लिए बना मतदान केंद्र

Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण और मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर शुक्रवार को क्रमशः 68.15 प्रतिशत और 71.32 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा।
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नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण और मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर शुक्रवार को क्रमशः 68.15 प्रतिशत और 71.32 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा। इस चुनाव में जहां एक तरफ मध्यप्रदेश की जनता ने 71.67 प्रतिशत मतदान किया, तो वहीं छत्तीसगढ़ की 70 सीटों पर 68.15 प्रतिशत लोगों नो अपने मताधिकार का प्रयोग कर रिकार्ड बना दिया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 71.32 फीसदी वोटिंग हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ में 68.15 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला।

मतदान केंद्रों पर महिला स्टाफ की तैनाती

पहली बार छत्तीसगढ़ के रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर महिला स्टाफ की तैनाती की गई, जिन्होंने वहां का कामकाज बखूबी संभाला। निर्वाचन क्षेत्र में स्थापित 201 मतदान केंद्रों पर 1046 महिलाओं को तैनात किया गया था। इन सभी महिलाओं द्वारा प्रबंधित मतदान केंद्रों ने सभी मतदाताओं, विशेष रूप से महिला और तीसरे लिंग के मतदाताओं को अधिक समावेशी चुनावों के लिए आराम और सुरक्षा की भावना प्रदान की।

शेराडांड में केवल 5 मतदाता के लिए बना मतदान केंद्र

मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र सुलभ बनाने की दृष्टि से छत्तीसगढ़ में 100 से कम मतदाताओं वाले भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र में 11 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। शेराडांड में केवल 5 मतदाता थे, जिनके लिए एक मतदान केंद्र स्थापित किया गया था। मध्य प्रदेश के बालाघाट विधानसभा में सोनेवानी मतदान केंद्र पर सभी पंजीकृत 42 मतदाता (26 महिला और 16 पुरुष मतदाता) वोट डालने के लिए एक साथ आए, जिससे शत प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए विशेष थीम आधारित मतदान केंद्र

मध्य प्रदेश में 5000 महिला प्रबंधित मतदान केंद्र, लगभग 200 दिव्यांग प्रबंधित मतदान केंद्र और लगभग 15000 मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। छत्तीसगढ़ चुनाव के दूसरे चरण में लगभग 700 महिला प्रबंधित मतदान केंद्र, लगभग 70 दिव्यांग प्रबंधित मतदान केंद्र और लगभग 350 मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए विशेष थीम आधारित मतदान केंद्र भी बनाए गए।

मतदान को सुविधाजनक बनाने के लिए चुनाव आयोग ने किया ठोस प्रयास

जनजातीय समुदायों के बीच मतदान को सुविधाजनक बनाने के लिए चुनाव आयोग ने ठोस प्रयास किए थे। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में रहने वाले विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह के बीच शत प्रतिशत नामांकन हासिल किया गया। इन समुदाय से संबंधित 7.52 लाख से अधिक मतदाता हैं, अर्थात् छत्तीसगढ़ में कमार, भुंजिया, बैगा, पहाड़ी कोरवा, अबुझमाडिया, बिरहोर और मध्य प्रदेश में सहरिया, भारिया और बैगा मतदाता के रूप में पंजीकृत थे। इन समुदायों के आदिवासी लोकतंत्र के उत्सव में भाग लेने के लिए उत्साहित थे, क्योंकि आदिवासी जीवन शैली पर आधारित मतदान केंद्र समुदाय के सदस्यों को मतदान केंद्र पर आने और मतदान करने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करते थे।

मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 2533 उम्मीदवार चुनावी मैदान में

मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए प्रात: 7 से शाम 6 बजे तक मतदान चला। नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले की 3 विधानसभा बैहर, लांजी और परसवाड़ा तथा मंडला के 55 और डिंडोरी के 40 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 से अपराह्न 3 बजे तक वोटिंग हुई। प्रदेश के कुल 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 2533 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 2280 पुरुष, 252 महिला और 1 थर्ड जेंडर अभ्यर्थी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ की 70 विधानसभाओं में मतदान सुबह 8 बजे से पांच बजे तक चला। इस चरण में 958 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

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