नई दिल्ली, रफ्तार। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर मतगणना जारी है। इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प है। ऐसा दो मामलों में है। एक ओर भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। वहीं, इन दोनों पार्टियों में जिसकी भी जीत होगी, उसके लिए मुख्यमंत्री चुनना भी आसान नहीं होगा। दरअसल, भाजपा ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। वहीं, कांग्रेस से मौजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ गुटबाजी जारी है। मौजूद उप मुख्यमंत्री टीएस देव लगातार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोक रहे हैं।
सीएम और पूर्व सीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार पर भी कई बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसमें धान घोटाला, शराब घोटाला आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा टीएस देव के गुट में कई विधायक हैं, जो उनको मुख्यमंत्री बनाने की मांग पार्टी आलाकमान से कर चुके हैं। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार रमन सिंह कई बड़े आरोप पहले से लगे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के अलावा रमन सिंह पर परिवारवाद का भी आरोप लगा है। भाजपा से कई नेता सीएम पद पर दावेदारी ठोक रहे हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक कुछ नेता दिल्ली तक की दौड़ लगा चुके हैं।
पार्टियों की मजबूरी क्या?
भाजपा और कांग्रेस के पास इन दोनों प्रमुख नेताओं को मुख्यमंत्री पद से हटाना भी आसान नहीं हैं। ये दोनों पार्टी के पुराने एवं प्रदेश में जनाधार रखने वाले नेता हैं। इनके समकक्ष कई बड़ा चेहरा भी नहीं है। हालांकि यह मजबूरी भाजपा में अधिक है। कांग्रेस में टीएस देव मजबूत हैं। रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल के मुकाबले भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है।
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