Vat Savitri Vrat 2023: जानिए कब है वट सावित्री व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिन्दू पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह में दो बार मनाया जाता है, एक बार अमावस्या तिथि में एक बार पू्र्णिमा में मनाया जाता है।
Vat Savitri Vrat 2023: जानिए कब है वट सावित्री व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में हर के व्रत का अपना एक विशेष महत्व होता है। हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए उपवास रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो सुहागिन महिलाएं इस व्रत का विधि विधान से पालन करती हैं उनको सदा सुहागिन रहने का फल मिलता है। इस दिन विशेष तौर पर वट के वृक्ष की पूजा की जाती है साथ में वट वृक्ष में जल चढ़ाया जाता है। आइए जानते हैं इस बार 2023 में ये व्रत कब रखा जाएगा।

वट सावित्री व्रत 2023 तिथि

हिन्दू पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह में दो बार मनाया जाता है, एक बार अमावस्या तिथि में एक बार पू्र्णिमा में मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 18 मई 2023 को 21:42 बजे से शुरू हो रही है। अमावस्या तिथि 19 मई 2023 को 21:22 मिनट पर समाप्त होगी। इस कारण इस बार वट सावित्री व्रत 19 मई को रखा जाएगाष। इस दिन शोभन योग बनने जा रहा है। शोभन योग शाम के 6 बजे से शुरू होगा। इस योग में पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा।

वट सावित्री व्रत पूजा विधि

पौराणिक कथाओं मे ऐसा कहा गया है कि वट सावित्री व्रत के दिन सभी सुहागिन वट वृक्ष की पूजा करेंगी। ऐसा माना जाता है कि वट वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का निवास होता है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से परिवार में सुख की प्राप्ति होती है और अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। वट सावित्री का व्रत करने से पति लंबी आयु भी होती है। इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ की परिक्रमा करती हैं और उसके चारों ओर कलावा लपेटती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन का उपवास करने से मनुष्य की दीर्घायु और संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है।

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