
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया था। माता पार्वती के अनुरोध पर शिव जी ने फिर शिशु हाथी का सिर लगाकर गणेश जी के अंदर प्राण डाले थे। लेकिन आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि गणेश जी का कटा हुआ असली सिर गिरा कहा था? इस बात का जवाब उत्तराखंड स्थित पिथौरागढ़ की पाताल भुवनेश्वर गुफा में मिलता है। यही भगवान गणेश जी का असली सिर गिरा था। आईए जानते हैं पाताल भुवनेश्वर गुफा का रहस्य क्या है।
पाताल भुवनेश्वर गुफा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गुफा भगवान शिव और गणेश की कई पौराणिक कथाओं को समेटे हुए हैं। समुद्र तल से 1350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा मुख्य द्वार से 160 मीटर लंबी और 90 मीटर गहरी है। लोक कथाओं के अनुसार इस गुफा में भगवान शिव विराजमान है। वहीं भगवान गणेश का कटा हुआ सिर इसी गुफा में सुरक्षित है। यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।
स्कंद पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के क्रोध के बाद भगवान गणेश का सिर धड़ से अलग होकर इस गुफा में आकर गिरा था । यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने मूल सिर को पाताल गुफा में ही रखा था भगवान गणेश का सर चट्टान के आकार में है। जिसके ऊपर 108 पंखुड़ियां वाला ब्रह्म कमल बना हुआ है। जिसमें से अमृत की बूंदे भगवान गणेश के सिर पर गिरती हैं। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म कमल की स्थापना भगवान शिव ने ही की थी। गणेश चतुर्थी के समय भारी संख्या में श्रद्धालु इस गुफा को देखने आते है।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें- raftaar.in