नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क 2 दिसंबर। आज शनिवार का दिन है जो कि शनिदेव को समर्पित है। इस दिन भगवान शनिदेव का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। वहीं, ऐसी मान्यताएं हैं कि अगर शनिदेव की पूजा ढंग से ना की जाए तो वह रुष्ट हो जाते हैं। जिसके कारण हमारे जीवन में शनि दशा चलने लगती है। शनिदेव को कर्मों का देव भी कहा गया है, क्योंकि वह मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनिदेव उसे वैसा ही फल देते हैं। शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन उनका पूजन करना चाहिए। साथ ही कुछ वस्तुओं का दान करने से भी घर में सुख-शांति आती है।
शनिवार को काले वस्त्र या काला कंबल किसी जरूरतमंद को दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। क्योंकि काली वस्तुएं शनि देव को अत्यंत प्रिय हैं। मान्यता है कि लोहे का दान करने से शनि देव बेहद प्रसन्न होते हैं और लोहा शनि देव को सबसे अधिक प्रिय है।
शनिवार के दिन शनि यंत्र की पूजा की जाए तो इससे शनि देव की कृपा बरसती है। और शनि देव के बुरे प्रभाव को शांत करने के लिए शनिवार के दिन शनि यंत्र की पूजा की जाती है। इस दिन काली गाय को उड़द की दाल या तिल खिलाएं। ऐसा करने से आपके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
ॐ शं शनिश्चराय नम:
साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने का शनि मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in
डिसक्लेमर
इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।