नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनि की दृष्टि जिस पर पड़ जाती है , उसके जीवन की दशा -दिशा बदल जाती है। मृत्युलोक के दंडाधिकारी भगवान शनि इस बार 17 जून की रात 10 बजकर, 52 मिनट पर वक्री हो रहे हैं। इस वक्री अवस्था से भगवान शनि 4 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर फिर मार्गी दशा में आ जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब शनि वक्री चाल में होते हैं, तो अलग-अलग राशियों पर इसका अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं किन राशियों पर शनि की वक्री दिशा का क्या प्रभाव पड़ेगा।
मेष
राशि चक्र के एकादश भाव में जाने से वक्री शनि देव न केवल उनकी आय में वृद्धि करेंगे, बल्कि उनके कार्यक्षेत्र का भी विस्तार करेंगे। नए लोगों से मेलजोल बढ़ेगा। उच्च पदस्थ लोगों से संबंध प्रगाढ़ होंगे, लेकिन परिवार के बड़े सदस्यों और बड़े भाइयों से मतभेद उत्पन्न होंगे। संतान को लेकर चिंतित हो सकते हैं। प्रेम संबंधित मामलों में उदासीनता रहेगी। प्रतियोगी छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।
वृषभ
शनि के वक्री होने से आपके कार्यक्षेत्र का विस्तार होता है क्योंकि यह आपकी राशि के दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए बाहर हो जाएंगे, लेकिन आपको अत्यधिक काम से होने वाली शारीरिक थकावट से भी जूझना पड़ता है। माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। यदि आप आत्मविश्वास से अपनी योजनाओं पर काम करेंगे तो आप अधिक सफल होंगे। यदि किसी कारणवश इसे समाप्त होने में अधिक समय लगता है तो परेशान न हों। जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद सुलझ सकते हैं। नया वाहन खरीदने की भी संभावना बन रही है।
मिथुन
वक्री शनि देव राशि के नौवें भाव में अनुकूल परिणाम लेकर आएंगे। धर्म और अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना की जाएगी। छोटे भाइयों से मतभेद न बढ़ने दें। धार्मिक फाउंडेशनों, अनाथालयों आदि में सक्रिय रूप से भाग लेंगे और परोपकार के कार्यो में शामिल होंगे। माता-पिता के साथ अपने संबंध खराब न होने दें। विदेश यात्रा से आपको लाभ होगा। विदेशी कंपनियों में नौकरी और नागरिकता प्राप्त करने के प्रयास भी सफल रहेंगे।
कर्क
राशि के बाहर आठवें भाव से गुजरने पर शनि देव का वक्री प्रभाव बहुत अच्छा नहीं होता है। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कोशिश करें कि कार्यक्षेत्र में भी किसी षड़यंत्र का शिकार न बनें। पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद तेज हो सकता है। किसी भी तरह के विवाद को अदालत से बाहर निपटाने में ही भलाई है। आपके अपने ही आपको छोड़ने की कोशिश कर सकते हैं, सावधान रहें।
सिंह
राशि के 7वें विवाह भाव में वक्री शनि देव का गोचर विवाह की बातों को थोड़ा और विलंबित करेगा। सास-ससुर से अपने संबंध खराब न होने दें। संयुक्त व्यवसाय से बचें। केंद्रीय या सरकारी कार्यालयों में आगामी कार्य के लिए थोड़ी देरी होगी। इस समय धैर्य और संयम की जरूरत है। विवादों से दूर रहें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, विशेषकर जोड़ों के दर्द का।
कन्या
शनि देव का राशि परिवर्तन शत्रु के छठे भाव में जाना आपके लिए वरदान है। यदि आप कोई बड़ा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, या कोई नया अनुबंध शुरू करना चाहते हैं, तो कृपया इस अवसर का लाभ उठाएं। उकभी-कभी आपको एक कठिन रास्ता अपनाना पड़ता सकता है। इस अवधि के मध्य में अधिक कर्ज चुकाने से बचें।
तुला
राशि चक्र के पांचवें विद्या भाव में गोचर के दौरान वक्री शनि प्रभाव बहुत अस्पष्ट रहेगा। व्यापारिक दृष्टिकोण से समय अच्छा रहेगा, लेकिन प्रेम संबंधों में उदासीनता रहेगी। प्रेम विवाह में भी रुकावटें आ सकती हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। परिवार के बड़े सदस्यों और बड़े भाइयों के साथ मतभेद से बचें।
वृश्चिक
शनि देव मित्रों और परिवार से अप्रिय समाचार मिलवा सकते हैं। जो काम आसानी से हो सकता था उसके लिए आपको मेहनत करनी पडे़गी। इस दौैरान यात्रा के समय सावधानी बरतनी पड़ेगी। माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
धनु राशि
वक्री शनि देव राशि के तीसरे पराक्रम में बड़ी सफलता प्रदान कर सकते हैं। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। अपनी ऊर्जा के बल पर आप कठिन परिस्थितियों का आसानी से सामना कर पाएंगे। आध्यात्मिक विकास होगा। विदेश जाने की भी संभावना है।
मकर
शनि देव वक्री का धन भाव में गोचर करने से अप्रत्याशित आर्थिक लाभ हो सकते हैं। उम्मीद है कि दिया गया पैसा कुछ दिनों के भीतर वापस आ जाएगा। व्यावसायिक पक्ष मजबूत बना हुआ रहेगा, लेकिन किसी समय आपको पारिवारिक कलह और भावनात्मक उथल-पुथल का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सचेत रहें।
कुंभ
वक्री शनि इस राशि में गोचर करते समय सामान्य शुभ फल देने वाले रहेंगे। अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है। विवाह संबंधी बातचीत के लिए थोड़ा अधिक समय रहेगा, लेकिन व्यवसायिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से समय अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा। यदि आप सरकारी निविदा के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इस दृष्टि से ग्रह अनुकूल रहेगा। यदि आप अपने जुनून को काबू में रखकर काम करेंगे तो आपको अधिक सफलता मिलेगी।
मीन
राशि के 12वें भाव में जाने से शनि के वक्री होने का प्रभाव बहुत सकारात्मक नहीं है, इसलिए सभी काम और फैसले सोच-समझकर करने चाहिए। भावनात्मक विकल्प हानिकारक हो सकते हैं। यातायात दुर्घटनाओं से बचने के लिए कृपया सावधानी से यात्रा करें। इस दौरान किसी को ज्यादा पैसा उधार न दें नहीं तो वहां आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।