नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। सावन के पवित्र महीने का आरंभ हो चुका है। सावन में विशेषतौर पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को उनका मनचाहा वर प्राप्त होता है, इसके साथ ही मनुष्य की सारी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। सावन के महीने में साधक सच्चे मन से भगवान शिव का ध्यान करता है, तो भगवान शिव की कृपा उसपर बनी रहती है। सावन के महीने में हरे रंग का विशेष महत्व है। इस महीने में सुहागिनें हरे रंग का वस्त्र धारण करती हैं और इसके साथ ही हरे रंग की चूड़ियां पहनने का भी इस महीने में अधिक महत्व है। आइए जानते हैं सावन के महीने में सुहागिनें हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं।
सावन में हरा रंग क्यों है खास
सावन का महीना शुरू होते ही हर तरफ हरियाली नजर आने लगती है थोड़ी सी बारिश भी मौसम को सुहावना बना देती है। इस महीने में महिलाओं का विशेष त्योहार हरियाली तीज भी मनाया जाता है, लेकिन हरे रंग का सावन से गहरा रिश्ता है। यह महीना वर्षा ऋतु का होता है। भीषण गर्मी के बाद जब बारिश होती है तो आपको हरा ही हरा रंग दिखाई देता है और हरा रंग प्रकृति का रंग माना जाता है।
सावन में हरी चूड़ी पहनने का महत्व
सावन में महिलाएं पूरे महीने भगवान शिव की पूजा करती हैं। सावन में सुहागिनें पूजा करते समय भी हरी चूड़ी पहनती हैं। हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव और माता पार्वती को हरा रंग बेहद प्रिय है। जो महिलाएं सावन में हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं उन्हें इनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी कारण सावन में हरे रंग का प्रयोग किया जाता है, जो बहुत शुभ माना जाता है।
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