
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष पितृपक्ष 29 नवंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक रहेगा । पितृपक्ष पूरी तरह से पूर्वजों को समर्पित माना जाता है इस दौरान पूरी श्रद्धा के साथ पितरों को याद किया जाता है, उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण श्रद्धा पिंडदान और अन्य अनुष्ठान किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध करने से पितृ खुश होते हैं और घर में सुख समृद्धि आती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि पितृपक्ष में पितरों की आत्मा अपने घर वालों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आती है। इसलिए इस दौरान कुछ ऐसे कार्य करने से बचना चाहिए। वरना आपके पितृ आपसे नाराज हो गए तो कई बुरे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसलिए पुरुष हो या महिलाएं पितृ पक्ष के दौरान ये पांच गलतियां करने से हमेशा बचना चाहिए।
पितृपक्ष के दौरान व्यक्ति को काले रंग के कपड़े किसी को भी दान नहीं देने चाहिए l आप पितृपक्ष में सफेद रंग के कपड़े व्यक्ति को दान में दे सकते है। सफेद रंग के कपड़े दान करने से हमारे पूर्वज खुश होते हैं जिससे हमारी मनोकामना पूर्ण होती है। वहीं काला कपड़ा अशुभ माना जाता है।
पितृपक्ष में कई लोग बर्तनो का दान करते हैं लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि आप लोहे के बर्तन का दान बिल्कुल भी ना करें लोहे के बर्तन का दान करने से पितृ आपसे नाराज हो जाते हैं और आप पर पितृ दोष भी लग सकता है। इसलिए आप स्टील के बर्तन मिट्टी के बर्तन , पीतल के बर्तन आदि दान कर सकते है।
पितृपक्ष में बांसी और जूठा भोजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही शास्त्रों में भी यह कहा गया है कि अनुदान महादान होता है। पितृपक्ष में यदि आप भोजन का दान करना ही चाहते हैं तो अच्छे भोजन का और ताजा भोजन का ही दान करें। किसी भी निर्धन या किसी भी ब्राह्मण को जूठा और बासी भोजन बिलकुल ना दान करें । शुद्ध और अच्छा भोजन बंद करने से हमारे पितृ खुश होते हैं और हमारी सभी मनोकामना पूरी करते हैं।
पितृपक्ष में यदि आप कपड़े को दान कर रहे हैं तो याद रखें कि कपड़े दान करते वक्त किसी भी ब्राह्मण या किसी भी निर्धन व्यक्ति को पुराने और फटे कपड़े बिलकुल ना दान करें। अगर आपमें दान करने की श्रद्धा है तो आप नए कपड़े जरूर दान करें। अन्यथा आप पर राहु दोष और पित्त दोष लग सकता है। जिससे आपकी तरक्की में बाधा आ सकती है।
पित्त पक्ष में तेल का दान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ऐसी मानता है कि पितृपक्ष में तेल का दान करने से आपके पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं इसका आपके जीवन में उल्टा प्रभाव पड़ने लगता है खासकर की सरसों के तेल का दान तो भूलकर भी नहीं करना चाहिए।