
नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व होता है। पूरे 12 महीने में 24 एकादशियां आती हैं। हर एक एकादशी व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। अधिकमास और एकादशी भगवान विष्णु को दोनों ही बेहद प्रिय है। अधिकमास में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और एकादशी का व्रत भी भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मलमास की शुरुआत 18 जुलाई से हो चुकी है। 16 अगस्त तक अधिकमास रहेगा।
कब होगी पद्मिनी एकादशी
अधिमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। पद्मिनी एकादशी का शास्त्रों में खासा महत्व बताया गया है। इस बार अधिकमास की पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई शनिवार के दिन पड़ेगी। इस व्रत को करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही उसे परम धाम की प्राप्ति होती है।
पद्मिनी एकादशी व्रत का महत्व
पद्मिनी एकादशी में जगत के पालनहार भगवान विष्णु के प्रति अत्यंत भक्ति है। शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चे मन से पद्मिनी एकादशी व्रत का पालन करता है उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। इस व्रत से आपको सभी प्रकार के तप, यज्ञ, व्रत आदि के समान फल प्राप्त होता है।
एकादशी व्रत विधि
एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए।
जल में थोड़े से तिल, कुश और आंवले का चूर्ण मिलाकर स्नान करें।
श्रीहरि विष्णु का केसर मिश्रित जल से अभिषेक करें।
भगवान के भजन या मंत्रों का जाप करना चाहिए और कथा सुननी चाहिए।
विष्णु स्तोत्र का पाठ करें और ब्राह्मणों को दान दें।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें-www.raftaar.in