नई दिल्ली रफ़्तार डेस्क। मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख त्योहारों में से एक हैं। ये त्योहार पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति कन्फूशन में हर कोई था। तो आप को हम बता दे कीया त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है। कहते है की इस दिन गंगा स्नान करने का एक अलग महत्व है। गंगा स्नान के बाद इस दिन कई प्रकार के दान करने का भी नियम बताया गया हैं।
मकर संक्रांति पुण्यकाल - 15 जनवरी सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 21 मिनट तक, और महा पुण्यकाल -सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक मनाया जाएगा। इस बार पांच साल के बाद ऐसा सहयोग्य बन रहा हैं। जब सूर्य देव के साथ-साथ भगवान महादेव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। मकर संक्रांति के दिन जल या गंगा जल में तिल दाल कर स्नान करना काफी शुभ माना जाता है।
मकर संक्रांति के दिन आपकी जो भी श्रद्धा हो उसके अनुसार आप वस्त्र,अन्न और धन का दान कर सकते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और खिचड़ी का दान बहुत ही शुभ माना गया है। वहीं दान का समय सुबह 7 बजे से सूर्यास्त पूर्व तक रहेगा। यह मुहूर्त दान आदि करने के लिए बेहद शुभ है। इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगा,जो सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इसमें स्नान, दान,जाप कर सकते हैं। मकर संक्रांति का महापुण्य काल प्रातः काल 7 बजे से प्रातः काल 8 बजकर 46 तक रहेगा।
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