नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिन्दू धर्म में एकादशी का काफी महत्त्व है। वहीं माघ की षटतिला एकादशी एक अलग महत्त्व होता है इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। लेकिन हर कोई इस कन्फ्यूजन में हैं कि एकादशी 5 को है या 6 को। आप को बता दे की इस बार एकादशी 5 फरवरी शाम 5:24 पर शुरू होगी और इसका समापन 6 फरवरी 2024 को शाम 4:07 पर होगा। अर्थात षटतिला एकादशी का व्रत 6 फरवरी को ही किया जाएगा।और इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7:06 से लेकर 9:18 तक रहेगा।
सबसे पहले आप को बता दे की व्रत और पूजा के साथ ही इस एकादशी पर भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाया जाता है। साथ ही तिल का दान भी किया जाता है। इस एकादशी पर छह प्रकार के तिलों का प्रयोग किया जाता है। जिसके कारण इसका नामकरण षट्तिला एकादशी व्रत पड़ा। इस व्रत को रखने से मनुष्यों को अपने बुरे पापों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है।इसी लिए हर व्यक्ति को इस व्रत को रखना चाहिए।
षटतिला एकादशी के दिन आप को प्रातः काल उठना होता हैं और गंगा में स्न्नान करके भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें, भगवान विष्णु को पुष्प, धूप आदि अर्पित करें। इस दिन भगवान की पूजा तिल से करें और व्रत का संकल्प लें, दिन भर व्रत करने के साथ ही रात्रि में जागरण और 108 बार ''ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा'' मंत्र से हवन करें। और अगले दिन भी आप को प्रातः काल उठकर ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए ।
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