Ahoi Ashtami 2023: संतान के लिए रखें अहोई अष्टमी का व्रत, इन बातों का रखे विशेष ध्यान

हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी व्रत का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन अहोई माता की पूजा करने से संतान दीर्घायु होती है, लेकिन व्रत रखने के दौरान कुछ जरूरी बातें जान लेना जरूरी है।
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: सनातन धर्म में अहोई अष्टमी एक बड़ा त्योहार माना गया है । यह त्यौहार हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। यह ठीक वैसे ही होता है जैसे करवा चौथ व्रत पति की सलामती और लंबी आयु के लिए होता है। इसी तरह यह व्रत अहोई अष्टमी व्रत संतान की जीवन दीर्घायु और उज्जवल भविष्य के लिए रखा जाता है।  इस दिन माता अहोई का पूजन किया जाता है, जिन्हें पार्वती के रूप में माना जाता है। अहोई अष्टमी के दिन में संतान की तरक्की और उम्र के लिए व्रत रखती हैं और देवी अहोई  का आशीर्वाद लेती हैं। फिर शाम को तारों को देखने के बाद ही यह व्रत खोला जाता है।  इस वर्ष अहोई अष्टमी 5 नवंबर के दिन मनाई जाएगी। अगर आप व्रत रखने जा रही हैं तो कुछ नियम भी बताए गए हैं जिन्हें पालन करना बहुत जरूरी है। 

तारों को देखकर तोड़े व्रत

अहोई अष्टमी का व्रत तारों को देखकर ही तोड़ा जाता है। इससे पहले व्रत को तोड़ने की गलती ना करें।  ऐसे में आप इस व्रत को  तारे देखने पहले कुछ ना खाएं। कहते हैं कि बिना तारे देखें  कुछ खाते है तो व्रत पूरा नहीं माना जाता है।

तामसिक भोजन से बचें

किसी भी व्रत की तरह अहोई अष्टमी के व्रत के दिन भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए,ना सिर्फ व्रत रखने वाली महिलाओं को बल्कि इस दिन घर के किसी भी सदस्य को भी तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि व्रत का असर पूरे घर पर रहता है।

मुहूर्त पर ही करें पूजा

अहोई अष्टमी के व्रत के दिन विशेष विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है। लेकिन अहोई अष्टमी की पूजा शुभ मुहूर्त पर ही करना शुभ होता है। इसके लिए आप किसी ज्योतिषाचार्य की मदद लें सकती हैं।

गणेश की करें  पूजा 

अहोई अष्टमी के व्रत के दिन अहोई माता की पूजा की जाती है , लेकिन पूजा की शुरुआत श्री गणेश भगवान की पूजा के साथ करें। क्योंकि  गणेश भगवान का नाम किसी भी पूजा में से पहले लिया जाता है, जो शुभ भी माना जाता है। 

सात प्रकार के रखें अनाज

अहोई अष्टमी की पूजा के दौरान हाथ में सात प्रकार के अनाज लेना जरूरी होता है। यह अनाज पूजा के बाद आप गाय को खिला दें।  कहा जाता है कि सात अनाज के बिना हुई माता की पूजा अधूरी मानी जाती है। 

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