Kawad Yatra 2023: कांवड़ की यात्रा करने से मिलती है शिव की कृपा, जानिए क्या है इसका महत्व

Kawad Yatra 2023: सावन के महीने में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। इस महीने में भगवान शिव के भक्त कावड़ लेकर यात्रा पर निकलते हैं।
Kawad Yatra 2023: कांवड़ की यात्रा करने से मिलती है शिव की कृपा, जानिए क्या है इसका महत्व

नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। सावन के पावन महीने की शुरूआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। सावन के महीने में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। इस महीने में भगवान शिव के भक्त कावड़ लेकर यात्रा पर निकलते हैं। हर साल श्रावण माह में बहुत दूर- दूर से शिव भक्त भगवान शिव की कांवड लेकर लाते हैं। कावड़ियां बाबा के स्थान से जल भरकर लाते हैं और शिव को चढ़ाते हैं। चतुर्दशी में श्रावण शिव का उनके निवास के आसपास के शिव मंदिरों में गंगा जल से अभिषेक किया जाता है। इस बीच भक्त कांवड़ को जमीन पर नहीं छोड़ते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए होते हैं खास इंतजाम

ऐसा माना जाता है कि कावड़ यात्रा करने से शिव अपने भक्तों पर विशेष कृपा बनाते हैं। जो लोग कांवड लेकर चलते हैं वे पैदल ही यात्रा करते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किये जाते हैं। गंगा जी से जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। इस यात्रा के बीच कांवरियां हर जगह अपनी कांवड़ भी नहीं रख सकते हैं। कावड़ यात्रा को सबसे कठिन यात्रा में से एक माना जाता है । आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में...

कांवड़ यात्रा का महत्व

पुराणों में कहा गया है कि देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए कांवर यात्रा सबसे सरल और आसान तरीका है। भगवान शिव के भक्त दोनों ओर बांस के खंभों पर टिकी हुई टोकरियां लेकर गंगा तट पर पहुंचते हैं और टोकरियों में गंगा जल भरकर वापस लौटते हैं। वे लगातार कंधे पर कांवड़ लेकर यात्रा कर करते हैं और अपने क्षेत्र के शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके जीवन में कभी कष्ट नहीं आते। इसके अलावा घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती और अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है।

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